धमतरी : राजस्व वसूली में तेजी लाने आयुक्त ने दिए निर्देश

धमतरी, 6 जनवरी (हि.स.)। नगर निगम में हर साल राजस्व वसूली को लेकर जो लक्ष्य रखा जाता है व हर साल अधूरा रहता है। राजस्व वसूली में तेजी लाने के लिए नगर निगम द्वारा भरसक प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में नगर निगम आयुक्त विनय कुमार पोयाम ने शनिवार को नगर निगम के सहायक राजस्व निरीक्षकों की बैठक लेकर राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए।

नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक में राजस्व वसूली के प्रगति की समीक्षा की गई। निगम आयुक्त विनय कुमार पोयाम द्वारा वार्डवार राजस्व वसूली की समीक्षा कर कम वसूली करने वाले सहायक राजस्व निरीक्षकों का वेतन रोकने तथा आगे वसूली में प्रगति नहीं दिखाने पर वेतन वृद्धि रोकने का निर्देश दिया। उपायुक्त एवं प्रभारी राजस्व विभाग पीसी सार्वा को निर्देश दिया कि शासन की मंशानुसार निर्धारित लक्ष्य के अनुसार राजस्व वसूली किया जाए। राजस्व वसूली कार्य की प्रति दिन समीक्षा की जाए, ताकि निर्धारित समयानुसार शत प्रतिशत राजस्व वसूली का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। उन्होंने सहायक राजस्व निरीक्षक को निर्देश दिया कि अपने अपने अपने वार्डो में जाकर प्रति दिन वसूली करना सुनिश्चित करें। वसूली की प्रगति की जानकारी राजस्व अधिकारी को अवगत कराया जाए ताकि इस कार्य में तेजी लाई जा सके। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि जल्द से जल्द कर नगर निगम में जमा कराएं।

बड़े बकायादारों के खिलाफ होगी कुर्की कार्रवाई

धमतरी शहर के बड़े बकायादारों को राजस्व कर जमा करने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बावजूद भी जिनके द्वारा अपना कर निगम कोष में जमा नहीं किया जाता तो उनके विरूद्ध कुर्की की कार्यवाही की जाएगी। आयुक्त ने निर्देश दिया कि संपत्ति कर दुकान किराया,जल कर, भू भाटक सहित बिना गुमाश्ता, ट्रेड लाइसेंस से संचालित दुकानों की जांच कर लाइसेंस बनवाने एवं निगम के अन्य करों का निर्धारित समय सीमा में शत प्रतिशत वसूली किया जाए, ताकि निगम के आय में वृद्धि हो सके। जानकारी के अनुसार 10-10 हजार से अधिक का कर जमा नहीं करने वाले बड़े बकायादारों की संख्या 70 से अधिक है।

लाखों का राजस्व बकाया

जानकारी के अनुसार नगर निगम को संपत्ति कर, दुकान किराया, जलकर के रूप में लाखों रुपये वसूल करने हैं। शहर के कई नागरिक नगर निगम से सुविधा लेने के लिए नल कनेक्शन और दुकान किराए पर तो ले लेते हैं, लेकिन नियमित इसका शुल्क नहीं पटाते। इसके चलते शुल्क बढ़ते बढ़ते पहले सैकड़ों फिर हजारों और बाद में लाखों तक पहुंच जाता है। नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों लोग हैं जिनका राजस्व बकाया है। बार-बार निगम द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी कुछ असर नहीं होता। तालाबंदी और जब्ती की कार्रवाई अपनाने के बाद लोग शुल्क पटाने पहुंचते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा

   

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