बच्चों को शीतलहर और तूफान से बचाव के लिए शिक्षकों ने दिये कई टिप्स

बिहारशरीफ, 7 जनवरी हि.स। स्थानीय प्रखंड क्षेत्र डीहा,कचहरिया,भतहर, सलेमपुर,राजावाद,बस्ता,नरारी,बेरमा, मेहत्रावां, गंगा विगहा एवं दर्जनों विधालय में सुरक्षा के तहत बच्चों को शीतलहर और तूफान से बचाव के लिए शिक्षको ने रविवार को कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए ।

वीईओ पुष्पा कुमारी ने कहा कि दर्जनों विद्यालय के फोकल शिक्षकों के द्वारा बच्चों को बताया कि शीतलहरी उस अवस्था को कहते हैं, जब सर्दी के दिनों में तापमान सामान्य न्यूनतम तापमान होता है।शीतलहर की गंभीर अवस्था मानते हैं।शीतलहर के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती है एवं कई दफे यह जानलेवा भी साबित होता है। शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। अधिक ठंड होने से श्वसन तंत्रों में संक्रमण बच्चों में दम्मा या खांसी की बीमारी, निमोनिया, डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। अधिक ठंड लगने से हाइपोथेमिया नामक बीमारी हो सकती है।

बुजुर्गों को ठंड लगने से लकवा मारने की घटनाएं भी बढ़ जाती है। अधिक ठंड होने से मांसपेशियों में कंपन पैदा होता है। जिससे कंपकंपी आने लगती है दांत किटकिटाने लगते है। शीतलहर का प्रभाव हृदय, रक्त वाहिनियों पर पड़ता है। इसलिए दमा खांसी के रोगी दिल के दौरे के मरीज, नन्हें बच्चों को सर्दी के मौसम में विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। अधिक धुंध या कोहरे के कारण बहुत नजदीक की भी वस्तु नहीं दिखाई पड़ती है। ऐसी स्थिति में सड़क पर चलने या सड़क पार करते हुए विद्यालय आने या घर जाते समय बच्चों के लिए सड़क दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सड़क पर चलते समय सावधानी बरतें। रोड के बहुत किनारे से भी नहीं चलें। अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें। घने कोहरे की वजह से सड़क हवाई एवं रेल यातायात भी प्रभावित होता है। ठंड के मौसम में जब धूप निकले तो धूप जरूर लें। धूप शरीर को विटामिन डी की कमी को दूर करता है। इस मौसम में फल और सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं।वहीं तूफान से बचाव संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी बच्चों को दी गई।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद

/चंदा

   

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