विदिशा: कड़ाके की सर्दी से सहमा शहर, जन-जीवन हुआ प्रभावित
- Admin Admin
- Jan 07, 2024
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दिनभर चलीं ठंडी हवाएं, राहत के लिए घरों में डुबके लोग
विदिशा, 7 जनवरी (हि.स.)। ठंड अब कहर बरपा रही है। रविवार को सर्दी का सितम और बढ़ गया। सुबह से लेकर देर रात तक चलीं ठंडी हवाओं से जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया। ठिठुरन से बचने के लिए अधिकांश लोग घरों में डुबके रहे।दिन और रात के तापमान में लगातर हो रही गिरावट के चलते दिन में भी लोग गर्म कपाड़ों में लिपटे रहे। आसमान में घनें बादलों का डेरा दिनभर जमा रहा। दोपहर एक बजे के बाद जिला मुख्यालय पर कहीं-कहीं हल्की बूंदा-बांदी भी हुई। कड़ाके की ठंड का असर नगर की सड़कों पर देखने को मिला। दिन में अधिकांश समय तक सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम ही नजर आई। सड़कें पर ज्यादा तक सन्नाटा पसरा रहा। रविवार को अवकाश होने के कारण शहर के अधिकांश प्रतिष्ठान बंद थे। रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, विवेकानंद चौराहा, रामलीला चौराहा, पीतलमिल चौराहा, अहमदपुर चौराहा जैसे व्यस्तम क्षेत्रों में भी सर्दी का खासा असर देखने को मिला जहां दिन में लोगों की आवाजाही अधिक होती थी। लेकिन रविवार को सर्दी के कहर के चलते यह व्यस्तम इलाकों की सड़कें भी दिन में सूनी नजर आयीं।
धूप के लिए तरसे लोग, आसमान में टकटकी
कड़ाके की सर्दी ऊपर से धूप का न निकलना लोगों के लिए खासा खल गया। धूप के लिए दिनभर लोग तरसते रहे। लेकिन आसमान में घने बादलों के चलते सूर्य देवता के दर्शन नही हो सके। आसमान में टकटकी लगाए रहे लोग। ठंडी हवाएं चलती रहीं। ठंड से बचने के लिए लोग दिनभर घरों में डुबके रहने पर विवश रहे। रविवार के दिन कड़ाके की सर्दी ने अधिकांश लोगों को घरों में दिन बिताने पर विवश कर दिया। तापमान में लगातार दर्ज हो रही गिरावट के चलते। ठंडक से राहत के लिए घरों में भी लोग आग जलाकर टेलीविजन से चिपके रहे।
आसपास के क्षेत्र में सर्दी का सितम जारी है लगभग एक सप्ताह से दिन भर कोहरा धुंध छाई रहती है इस वजह से भी कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। सर्दी का आलम है कि रात्रि की जगह दिन में भी लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बूंदाबांदी- हल्की बारिश होने की वजह से सर्दी बढ़ गई है। वही दिन भर लोग टोपा और जरकिन पहने नजर आते हैं। हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष तेज सर्दी पड़ रही है। हालांकि बारिश खेतों में खड़ी फसल के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही हैं जिससे किसानों को लाखो रूपए का फायदा हुआ हैं। अचानक गिरी मावठ से किसानों ने राहत की सांसे ली हैं। दूसरी और देखे तो ठंड के कारण समूचे क्षेत्र में लोग परेशान होने लगे हैं लेकिन प्रकृति का अपना अलग और हितकारी परिवर्तन रहात हैं जो लोगो को राहत देता हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश कुमार मीणा/नेहा