उग्रवादियों को डीजीपी जीपी सिंह ने दी चेतावनी

गुवाहाटी, 10 जनवरी (हि.स.)। असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने असम में अंतिम बचे प्रतिबंधित विद्रोही समूह उल्फा-स्वा के ठिकानों वाले क्षेत्रों में मची अफ़रा-तफ़री के बीच चेतावनी जारी की है।

प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से डीजीपी सिंह ने सलाह दी है कि उल्फा-स्वा के अशांत शिविर में रह रहे कैडर शिविरों में रहने के बदले सुरक्षित तरीके से शिविर खाली करके चले आएं। डीजीपी ने उल्फा-स्वा में भर्ती होने वाले युवकों से अपील की है कि वे ऐसे माहौल में नहीं जाएं, जहां किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं है। असम के युवाओं को उग्रवादी संगठन में भर्ती होने के खिलाफ उन्होंने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इन अस्थिर शिविरों में रहने वालों को अपरिचित और खतरनाक परिवेश में अपनी सुरक्षा को खतरे में डालने के बजाय सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह सलाह उन शिविरों में रह रहे युवाओं की सुरक्षा के लिए दी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि उल्फा-स्वा ने दो दिन पहले म्यांमार में अपने शिविर पर ड्रोन हमले की सूचना दी थी, जिसके परिणामस्वरूप इसके दो सदस्य घायल हो गए थे। समूह का आरोप है कि तीन बम गिराए गए थे, जिनमें से दो बमों में विस्फोट हुए, जिससे लोग घायल हो गए। जबकि, तीसरे बम में विस्फोट नहीं हुआ था। उल्फा-स्वा के अनुसार यह हमला भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा किया गया था।

हालांकि, इस दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया गया। भारतीय सेना की ओर से आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई। ऐसे मौके पर डीजीपी द्वारा उल्फा-स्वा कैडरों को दी गई चेतावनी अपने आप में एक विशेष मायने अवश्य रखती है। इसी बीच असम पुलिस ने उल्फा-स्वा प्रमुख परेश बरुवा के आवास को प्रदान की गई सुरक्षा वापस ले ली है। यह सुरक्षा बर्ष 2000 में मुहैया कराया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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