जगदलपुर : मेकॉज प्रबंधन ने 45 छात्र-छात्राओं को मुख्य परीक्षा में शामिल होने से किया वंचित

जगदलपुर, 11 जनवरी (हि.स.)। मेडिकल कॉलेज के 45 छात्र-छात्राओं को एमबीबीएस तृतीय वर्ष भाग 01 की मुख्य परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिया गया है। इन छात्रों को फिर से एक साल मेहनत करनी होगी। मेकॉज प्रबंधन ने छात्रों को परीक्षा देने से रोकने के पीछे की वजह कम उपस्थिति और खराब आंतरिक मूल्यांकन और नियमों का हवाला देकर 45 छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

मेडिकल कॉलेज का नियम है कि परीक्षार्थी को पिछली परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक तथा 50 प्रतिशत उपस्थिति जरुरी है। इन दोनों में विफल छात्र- छात्राओं को अगली परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाती। जबकि नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों का उल्लंघन करते हुए उन छात्रों से भी कम उपस्थिति वाले कई चहेते छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी गई है। कॉलेज प्रशासन के दोहरे रवैए को लेकर परीक्षा से वंचित छात्र-छात्राओं ने मुख्य सतर्कता अधिकारी नई दिल्ली को दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ शिकायत भेजकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

मेकॉज के डीन यूएस पैंकरा का कहना है कि सिर्फ उन्हीं छात्रों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा है, जिनका प्रर्दशन खराब है। उन्होंने कहा कि छात्रों की उपस्थिति बेहद कम है और आंतरिक मूल्यांकन भी खराब है, ऐसे में नियमत: इन छात्रों को पर्चे में शामिल होने नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कौन सा छात्र कितने दिन कक्षा में बैठा इसका पूरा रिकॉर्ड मौजूद है, इसी रिकॉर्ड के आधार पर छात्रों को पर्चे देने से रोका गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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