शास्त्री जी भारत की राजनीति में सादगी, ईमानदारी और कर्मठता की प्रतिमूर्ति

-पुण्यतिथि पर पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया गया

वाराणसी, 11 जनवरी(हि.स.)। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर गुरुवार को रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय में पुष्पांजलि, संगोष्ठी और मानस पाठ (सुंदरकांड) का आयोजन किया गया। लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय और संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश, भारतीय जनजागरण समिति के संयुक्त पहल पर शास्त्री जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।

गोष्ठी में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को बताया गया। वक्ताओं ने कहा कि शास्त्री जी भारत की राजनीति में सादगी, ईमानदारी और कर्मठता की प्रतिमूर्ति माने जाते हैं। अल्प कार्यकाल में युद्ध की विभीषिका के बावजूद जय जवान जय किसान के भाव से राष्ट्र को आप्लावित किया। राष्ट्र निर्माण में शास्त्री जी का योगदान अद्वितीय रहा है।

संगोष्ठी के उपरांत मानस पाठ ( सुंदरकांड )का आयोजन किया गया। इसके पहले विषय स्थापना तथा अतिथियों का स्वागत डॉ. सुभाष चन्द्र यादव ने किया। गोष्ठी में मनोज श्रीवास्तव, विनोद कुमार, आनंद कंद चौबे, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, अनिल कुमार न भी विचार रखा। गोष्ठी में डॉ. रितिन श्रीवास्तव, उत्कर्ष श्रीवस्तव, मनोज कुमार, विनय मौर्य, वीरेन्द्र कुमार मौर्य, कुमार आनंद पाल, सोहन कुमार, प्रदीप कुमार, संतोष कुमार सिंह आदि भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप

   

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