प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण विंध्य पर्वत से भरेंगे रोप-वे की सुरक्षित उड़ान

मीरजापुर, 13 जनवरी (हि.स.)। देश-दुनिया से जगविख्यात विंध्याचल धाम आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है। यानी अब श्रद्धालुओं को घबराने की जरूरत नहीं है। रोप-वे विंध्य पर्वत-गंगा का विहंगम दृश्य का रोमांच कराने के साथ सुरक्षित उड़ान भरेगा। इसके लिए समय-समय पर रोप-वे की जांच की जाती रहेगी और बचाव कार्य की आपातकालीन सुविधा भी होगी।

विंध्य पर्वत पर कालीखोह मंदिर तक आने-जाने के लिए लगे रोप-वे पर किसी प्रकार की अनहोनी न हो और आपातस्थिति में बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, एनसीसी, अग्निशमन विभाग सहित अन्य हितधारकों ने कालीखोह रोप-वे पर संयुक्त माक अभ्यास किया।

माक अभ्यास की भूमिका राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मार्गदर्शन में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, एनडीआरएफ 11 बटालियन उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व व प्रभारी अधिकारी आपदा प्रबंधन शिवप्रताप शुक्ल ने तैयार की। उप कमांडेंट राम भुवन की अगुवाई में एनडीआरएफ टीम ने संयुक्त माक अभ्यास में भाग लिया।

आपदा के प्रभाव को कम करने की संभावना पर फोकस

माक अभ्यास को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के तहत किया गया। इससे आपसी समन्वय और तैयारियों का परीक्षण व सभी विभागों को इस प्रकार के आपात के दौरान अपनी-अपनी भूमिका निभाने के बारे में पता चला। साथ ही आपदा के प्रभाव को कम करने की संभावना पर भी ध्यान दिया गया।

अगलगी व रोप-वे ट्राली में फंसने की बनाई पटकथा, रेस्क्यू कर बचाया माक अभ्यास में सर्वप्रथम माक अभ्यास की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया। इसके बाद एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एनसीसी, चिकित्सा विभाग एवं अग्निशमन विभाग ने कुछ ऐसी स्थिति (पटकथा) बनाई कि रोप-वे फेल हो जाने के कारण रोप-वे ट्राली में कुछ लोग फंस गए हैं और रोप-वे स्थल पर आग लग गई है। ऐसे में माक अभ्यास में एनडीआरएफ ने रोप-वे रेस्क्यू कर प्रभावितों को बचाया और अग्निशमन विभाग ने लगी हुई आग पर काबू पाया।

विंध्य पर्वत से मां गंगा का अद्भुत नजारा

हरे-भरे पेड़, जंगल, गुफा, प्राकृतिक समृद्धि से पूरिपूर्ण विंध्य पर्वत की ऐतिहासिकता अभी तक दुनिया से ओझल था। विंध्य पर्वत पर 265 फीट ऊंचा रोप-वे बनने सेे अब यहां आने वाले श्रद्धालु रोप-वे की सवारी करना नहीं भूलते। हरी-भरी वादियों के बीच विंध्य पर्वत से मां गंगा का नजारा अद्भुत तो लगता ही है, पेड़ की डालियों पर उछल-कूद करने वाले बंदर व लंगूर मानो रोमांच सा अहसास कराते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/गिरिजाशंकर/दीपक/दिलीप

   

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