उमर अब्दुल्ला के बयान को ईसीआई को लज्जित करने वाला बताया

जम्मू, 13 जनवरी (हि.स.)। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस हालिया बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर बोलते हुए भारत के चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में चुनाव न कराने पर शर्म आनी चाहिए, जिसके कारण भारत के सर्वोच्च न्यायालय को 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने के निर्देश जारी करने पड़े।” भाजपा नेता वाईवी शर्मा ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के बारे में इस तरह की टिप्पणी करना पूर्व मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में बहुत निष्पक्ष और निडर तरीके से चुनाव का प्रबंधन और आयोजन करने की प्रतिष्ठा प्राप्त है।

शर्मा ने कहा कि यह उमर अब्दुल्ला को आत्मनिरीक्षण और विचार करने की ज़रूरत है कि जम्मू-कश्मीर इतिहास में इस मुकाम तक कैसे पहुंचा। उन्हें एहसास होगा कि यह केंद्र की वर्तमान सरकार या केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार के कारण नहीं है, बल्कि उपमहाद्वीप के विभाजन के बाद से पूर्ववर्ती राज्य के राजनीतिक नेतृत्व द्वारा अपनाए गए अड़ियल और अवास्तविक रवैये के कारण है। अपनी श्रेष्ठता थोपने का उनका रवैया, दोहरा बोलना - बल्कि तिगुना बोलना; एक कश्मीर में, दूसरा जम्मू में और तीसरा दिल्ली में, लोगों को आजादी की अप्राप्य मृगतृष्णा के लिए उकसाना और हाल ही में कश्मीर समस्या के समाधान के लिए चीनी हस्तक्षेप की प्रार्थना करना और धर्म के नाम पर एक लोगों को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का लगातार प्रयास करना और भाषा, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन राज्य और केंद्र सरकारों के बीच लगातार कलह होती रही, जिससे दोनों के बीच बढ़ती खाई और अविश्वास ने जम्मू-कश्मीर के भोले-भाले लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाला।

शर्मा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला केंद्र सरकार में रहे हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने कार्यकाल के दौरान बहुत जिम्मेदारी से व्यवहार किया। उन्हें याद रखना चाहिए कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में निहित स्वार्थों ने समस्या को कई गुना बढ़ा दिया था, और अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करना पिछले कई वर्षों से राज्य में शासन कर रही शक्तियों के गलत कामों का परिणाम था। राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के नागरिक होने के नाते, किसी को भी पाकिस्तान, चीन या किसी अन्य विदेशी शक्ति का समर्थन करने का कोई अधिकार नहीं है जो उस देश के लिए प्रतिकूल माहौल बनाता है जिसके नागरिक हम सभी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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