आईआईएम अहमदाबाद और पंचायती राज मंत्रालय के बीच होगा एमओयू

-पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज कल करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन

अहमदाबाद, 14 जनवरी (हि.स.)। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) में सोमवार (15 जनवरी) को पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिए पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अपनी तरह के पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर जमीनी स्तर पर नेतृत्व और प्रबंधन क्षमता में वृद्धि करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को संचालित करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय और भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान भी किया जाएगा।

इस अवसर पर गुजरात सरकार के पंचायत, ग्रामीण आवासन एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रधान सचिव मोना खंडधार, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के निदेशक प्रो. भरत भास्कर, पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव विकास आनंद, पंचायती राज मंत्रालय के निदेशक विपुल उज्ज्वल और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। यह परिचयात्मक कार्यक्रम 15 से 19 जनवरी तक भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के परिसर में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाएगा, जहां जिला पंचायतों के अध्यक्षों/प्रमुखों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को संस्थागत और कार्यात्मक मुद्दे और सतत विकास लक्ष्यों के विषयगत मुद्दे सहित विभिन्न मुद्दों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।

पंचायती राज मंत्रालय ने जमीनी स्तर पर नेतृत्व क्षमता बढ़ाने और देश भर में पंचायती राज संस्थानों की मजबूती और क्षमता निर्माण को गति देने के उद्देश्य से, परिवर्तन का नेतृत्व करने वाले पंचायत नेताओं के बीच नेतृत्व विकास के लिए एक कार्यक्रम की परिकल्पना की है। मंत्रालय जमीनी स्तर पर पेशेवर नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थानों के पदाधिकारियों के लिए नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम की योजना लेकर आया है।

इस पहल के अंतर्गत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अपने पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए समझौता ज्ञापन निष्पादित करके अपने राज्य/आस-पास के क्षेत्रों में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम)/भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), उत्कृष्ट संस्थानों के साथ सहयोग किया जाएगा। मंत्रालय द्वारा बेहतर और सूचित निर्णय लेने और शासन के लिए पंचायती राज संस्थानों के बीच नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।

पहले समूह में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के जिला पंचायत/जिला परिषद के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। यह भी आशा की जाती है कि भाग लेने वाले राज्य अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग के लिए अपनी ओर से इसी तरह की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यह 5-दिवसीय आवासीय कार्यक्रम एक पहल है जिसका उद्देश्य पंचायत नेताओं के कौशल और ज्ञान को बढ़ाना है, जिससे उन्हें सरकार के तीसरे स्तर के रूप में प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम बनाया जा सके। कार्यप्रणाली का उद्देश्य उपस्थित लोगों को संसाधनों के प्रभावी उपयोग और पंचायती राज संस्थानों के कामकाज के लिए नेतृत्व और प्रबंधन कौशल से सुसज्जित करना है। अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम- नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम - नेतृत्व और टीम वर्क, वित्तीय प्रबंधन और पंचायत वित्त, प्रभावी संचार, परियोजना प्रबंधन और निगरानी, डिजिटल परिवर्तन, आईसीटी, और बहुत कुछ को शामिल करने वाले विभिन्न मॉड्यूल शामिल हैं। विशेष रूप से, यह कार्यक्रम इसी तरह की पहलों की एक श्रृंखला की शुरुआत का प्रतीक है, जो विशेष रूप से शीर्ष संस्थानों के सहयोग से पंचायती राज संस्थानों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

जमीनी स्तर पर शासन व्यवस्था को मजबूत करेंगे

पंचायती राज मंत्रालय पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण, सहायता और उपकरणों को प्राथमिकता देकर जमीनी स्तर पर शासन के एक नए युग का शुभारंभ करने के लिए तैयार है। स्थानीय प्रशासन में इन जमीनी स्तर के नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, पंचायती राज मंत्रालय का लक्ष्य सार्वजनिक सेवा वितरण के उच्चतम मानकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए उनकी क्षमताओं में वृद्धि करना है। पंचायतें हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार हैं, जो नागरिकों और सरकार के बीच प्राथमिक क्षेत्र के रूप में कार्य करती हैं। जमीनी स्तर पर पर्याप्त परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए, यह आवश्यक है कि पंचायत प्रतिनिधि और पदाधिकारी न केवल नेक इरादे वाले हों, बल्कि स्थानीय स्वशासन की बहुमुखी चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से भी सुसज्जित हों।

पंचायती राज मंत्रालय व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से, शासन के विभिन्न पहलुओं में पंचायत नेताओं और पदाधिकारियों की क्षमता में वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रभावी नेतृत्व, वित्तीय प्रबंधन, सामुदायिक जुड़ाव, डिजिटल साक्षरता, सतत विकास-स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) को प्राप्त करने के लिए समुदायों को प्रेरित करने और मार्गदर्शन करने के लिए नेतृत्व गुणों को स्थापित करने सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करेगा। पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के विकास में निवेश करके, एक ऐसे प्रभावशाली असर की कल्पना करता है जो देश भर के समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। अंतिम लक्ष्य जमीनी स्तर के नेताओं का एक समूह तैयार करना है जो न केवल सार्वजनिक सेवा के उच्चतम मानकों को पूरा करते हैं बल्कि उससे भी आगे बढ़कर जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाते हैं।

प्रबंधन क्षमताओं को प्रोत्साहित करना उद्देश्य

पंचायती राज मंत्रालय अब तक अपनी विभिन्न क्षमता निर्माण योजनाओं/कार्यक्रमों के अंतर्गत राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों के सहयोग से, संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के अंतर्गत, निर्वाचित प्रतिनिधियों (ईआर) की शासन क्षमताओं के निर्माण के लिए, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) और राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी एंड पीआर) के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के अधिकारी और पदाधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के निर्वाचित प्रतिनिधियों (ईआर) की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण की दिशा में एक बड़ी छलांग के रूप में, राज्य सरकारों के सहयोग से पंचायती राज मंत्रालय भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों को उनकी शासन क्षमताओं के अलावा विभिन्न पहलुओं में उनकी प्रबंधन क्षमताओं को और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए शामिल कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/वीरेन्द्र

   

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