अब रसोई तक सीमित नहीं महिलाएं, बीसी सखियों ने वित्तीय लेन-देन से कमाई 55 करोड़ की धनराशि

-विद्युत सखियों ने भी विद्युत बिल कलेक्शन कर कमाई 11 करोड़

लखनऊ, 16 जनवरी (हि.स.)। अब महिलाएं रसोई तक सीमित नहीं हैं बल्कि बच्चों के पालन-पोषण व घरेलू कामकाज के साथ घर की दहलीज लांघ आत्मनिर्भर व सशक्त बन रहीं हैं। किसी के सामने हाथ फैलाने व तमाम परेशानियां झेलने के बजाय महिलाएं खुद घर का खर्चा उठाने में सक्षम बन रही हैं।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन लोगों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक स्तर को ऊंचा उठाने एवं समानता का अवसर प्रदान करते हुए समूह की महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार अग्रसर है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में वन जीपी-वन बीसी का कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत-एक बीसी सखी कार्यक्रम में 37642 बीसी सखियों ने 20587 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का लेन-देन करते हुए 55 करोड़ से अधिक का लाभांश अर्जित किया है।

घर बैठे ग्रामीण वित्तीय लेन-देन सुविधा

बीसी सखियों ने ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों के खाते खुलवाने, घर-घर जाकर भुगतान कराने, विभिन्न लाभार्थीपरक योजनाओं में आने वाली धनराशि को आहरित करने, मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान उनके दरवाजे पर या कार्यस्थल पर जाकर करने जैसे कार्य ग्रामीणों की वित्तीय लेन-देन सुविधा के दृष्टिगत किए जा रहे हैं।

2305 उचित दर की दुकान संचालित कर रहीं समूह की महिलाएं

इसी तरह उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से 10242 विद्युत सखियों ने 716 करोड़ रुपये का बिल कलेक्शन करते हुए 11 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि कमीशन के रूप में प्राप्त किया है। समूह की महिलाएं 2305 उचित दर की दुकानों का संचालन एवं प्रबंधन भी कर रहीं हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/दीपक/आकाश

   

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