नई शिक्षानीति भारतीय संस्कारों और आचरण की शिक्षा को समर्पित : प्रो. आनंद शंकर सिंह

--नई शिक्षानीति विद्यार्थियों के समग्र एवं बहुमुखी विकास पर केंद्रित : प्रो. दीक्षित

प्रयागराज, 17 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा को वैश्विक, कल्याणकारी और मानवता के रक्षक के रूप में सृजित करने की रूपरेखा निर्मित की गई है। इसके अंतर्गत भाषा का सवाल, मातृभाषा में शिक्षा, समग्र और बहुआयामी शिक्षा, भारतीयता के प्रश्न और भारतीय ज्ञान के प्रश्न पर संस्कारों की शिक्षा और आचरण की शिक्षा को समर्पित किया गया है।

उक्त विचार प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, ईश्वर शरण पीजी कॉलेज द्वारा यूजीसी एवं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की महत्वाकांक्षी शिक्षक प्रशिक्षण परियोजना एनईपी ओरिएंटेशन एवं सैंसिटाइजेशन प्रोग्राम में व्यक्त किया। ऑनलाइन मोड में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि नई शिक्षानीति कैसे हमको एक बहुआयामी दृष्टि दे रही है, इसी को समझने के लिए भारत सरकार ने एक शिक्षक प्रशिक्षण का प्रारूप तैयार किया है जिसके अंतर्गत इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित होकर हमारे शिक्षक उपरोक्त उद्देश्यों को पूरा करने में महती भूमिका का निर्वाह कर सकेंगे।

विशिष्ट वक्ता प्रो.अश्विनी कुमार दीक्षित, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ ने ‘हॉलिस्टिक एजुकेशन एंड मल्टी डिसीप्लिनैरिटी’ विषय पर प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षानीति भारतीय ज्ञान परम्परा को पुनः शिक्षा के केंद्र में लाने का एक बेहतर प्रयास है। जिसके अंतर्गत महाविद्यालय की स्वायत्तता, विभागों की स्वायत्तता और विषयों की स्वायत्तता पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा सिस्टम में बहुदिशा और समग्रता को बढ़ावा देने के लिए समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षानीति विद्यार्थियों के समग्र एवं बहुमुखी विकास पर केंद्रित है जो हमें अपनी जड़ों एवं सांस्कृतिक विरासत की ओर ले जाएगी। अपने समृद्ध ज्ञान परम्परा की ओर फिर से देखते हुए समकालीन वैश्विक पर्यावरण में भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में यह एक सार्थक संकल्प है।

द्वितीय सत्र में डॉ. राजीव चौधरी, प्रो.पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, छत्तीसगढ़ ने बताया कि हमारे विचार, भावनाएं, और मानसिक स्थिति को अभूतपूर्व या भौतिक से अलग महसूस हो सकती हैं, लेकिन ये सभी हमारे मस्तिष्क की गतिविधि के हिस्से के रूप में हो रहे हैं। इस अवसर पर काॅलेज के अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षानीति के महत्व को बताते हुए सभी को शुभकामनाएं दीं। संचालन एवं अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक डॉ. शाइस्ता इरशाद एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ. जमील अहमद ने किया। कार्यक्रम में मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर के सहायक निदेशक डॉ. मनोज कुमार दुबे एवं महाविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्यों के साथ-साथ भारत के विविध राज्यों, विविध शिक्षण संस्थानो से सैकड़ों शिक्षक प्रतिभागी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम

   

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