जेजेएम प्रोजेक्ट्स में अब होगी मॉनिटरिंग : ठेकेदार फर्म के साथ अधिकारियों की भी तय होगी जिम्मेदारी

जयपुर, 18 जनवरी (हि.स.)। जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रोगेस महत्वपूर्ण है। जल कनेक्शन (एफएचटीसी) अधिक से अधिक होंगे तभी जेजेएम में प्रगति दिखाई देगी। अब वर्तमान में चल रही वृहद् परियोजनाओं की डे-टू-डे आधार पर मॉनिटरिंग होगी एवं धीमी गति से चल रही परियोजनाओं के मामले में कोई बहानेबाजी स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने ठेकेदार फर्मों के खिलाफ एक्शन लेने के साथ ही संबंधित अभियंताओं की जिम्मेदारी भी तय करने के भी निर्देश दिए हैं।

जलदाय मंत्री गुरुवार को जल भवन में आयोजित जेजेएम की वृहद् परियोजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन परियोजनाओं के कार्यादेश हो चुके हैं उनमें एफएचटीसी बढ़ाने पर फोकस करें। जल कनेक्शनों में गति लाई जाए ताकि अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान ऊपरी पायदान पर पहुंच सके। उन्होंने कहा कि सचिव, एमडी एवं मुख्य अभियंता के स्तर पर समय-समय पर परियोजनाओं की प्रगति को लेकर मॉनिटरिंग की जाए एवं देरी के पीछे वास्तविक कारण होने पर उनका हल निकाला जाए ताकि आमजन को नल के माध्यम से जल उपलब्ध कराने के जेजेएम के मूल उद्देश्य को पूरा किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को फास्ट डिसीजन मेकिंग की आदत अपनाने को कहा।

चौधरी ने परियोजना की साइट पर हिण्ड्रेंस रजिस्टर मेंटेंन करने के निर्देश दिए और कहा कि प्रोजेक्ट में आ रही परेशानी के बारे में ठेकेदार फर्म द्वारा रजिस्टर में उल्लेख किया जाए एवं संबंधित अभियंता के हस्ताक्षर हों। उन्होंने जिलों के प्रभारी मुख्य अभियंताओं एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को हर माह दौरे करने एवं प्रगतिरत परियोजनाओं का साइट पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस जिले में परियोजनाओं एवं एफएचटीसी की प्रगति कम होगी वहां के प्रभारी अभियंता की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने बैठक में मौजूद एवं वीसी से जुड़े कॉन्ट्रेक्टर फर्मों के प्रतिनिधियों से परियोजनाओं में देरी के कारणों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ठेकेदार फर्मे गुणवत्तापूर्ण एवं समय पर कार्य पूरा करने पर ध्यान दें। उनको आ रही वास्तविक समस्याओं को विभाग के स्तर पर सुलझाने में पूरा सहयोग किया जाएगा।

जलदाय मंत्री ने लीकेज एवं अन्य कारणों से हो रही पानी की छीजत रोकने के लिए ऑपरेशन एण्ड मेंटीनेंस को लेकर ठेकेदार फर्म की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ओ एण्ड एम में लापरवाही की वजह से पानी व्यर्थ बह जाता है। उन्होंने पानी की छीजत रोकने एवं उपलब्ध पानी का सदुपयोग बढ़ाने पर फोकस करने को कहा। बैठक में सचिव डॉ. समित शर्मा ने वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए प्रगति पोर्टल की तर्ज पर ही पीएचईडी का ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रोजेक्ट्स की गति को लेकर ठेकेदार फर्मों की लापरवाही पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा।

समीक्षा बैठक में एमडी जल जीवन मिशन बचनेश अग्रवाल, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) आरके मीणा, मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (तकनीकी) दलीप गौड़, मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर, मुख्य अभियंता (शहरी) केडी गुप्ता सहित मुख्यालय, पीएचईडी रीजन एवं प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशाषी अभियंता उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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