देश-दुनिया भगवान श्रीराम की समरसता देखने को आतुर : जयवीर
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- Jan 19, 2024
लखनऊ, 19 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या में 22 जनवरी को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में भ्रमण पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के आसार हैं। देश-विदेश से भी श्रद्धालु आएंगे। सनातन परंपरा में प्रभु श्रीराम सामूहिकता और समरसता के प्रतीक हैं। इसी समरसता को देखने और महसूस करने के लिए श्रद्धालु अयोध्या आकर आनंद की अनुभूति करना चाहते हैं। राम मंदिर से लेकर अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों को लेकर देशभर के लोगों में जिज्ञासा है और सभी एक बार यहां आकर दर्शन करना चाहते हैं।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि दर्शनाभिलाषियों में दक्षिण भारत के पर्यटक और श्रद्धालु भी पीछे नहीं है। हाल ही में वाराणसी में हुए तमिल संगमम् में तमिलनाडु के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए थे। इसी प्रकार कर्नाटक जहां से करीब 700-800 टन सधाली मार्बल और 150 टन अगरबत्ती अयोध्या पहुंची है और मैसूर के मूर्तिकार अर्जुन योगीराज जिनकी प्रतिमा का चयन प्राण प्रतिष्ठा के लिए हुआ है। उस कर्नाटक राज्य के लोग भी बड़ी संख्या में अयोध्या दर्शन और भ्रमण के लिए आना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश में 5-रात के सांस्कृतिक टूर पैकेज
टूर ऑपरेटर, एम्परर ट्रेवल्स के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक 5-रात के टूर पैकेज जिसमें अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी शामिल है। पर्यटकों द्वारा उसकी बुकिंग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। इस पैकेज की कीमत 22,000 से 24,000 रुपये प्रति व्यक्ति है और इस पैकेज की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह पैकेज उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभवों की चाह रखने वाले यात्रियों के लिए सबसे अच्छा पैकज है।
प्रदेश के धार्मिक ऐतिहासिक स्थलों की ब्रांडिंग
उत्तर प्रदेश विशेषकर अयोध्या टूर पैकेज में वृद्धि देखी जा रही है। उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खजाने की खोज के प्रति दक्षिण भारत के पर्यटकों और लोगों के बीच बढ़ते आकर्षण को देखते हुए कई ट्रैवल एजेंसियां उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग से व्यापक यात्रा पैकेज की मांग की है। उनकी योजना उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों को अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रचारित करने की है। प्रदेश के धार्मिक ऐतिहासिक स्थलों की ब्राण्डिंग की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/राजेश