तमिलनाडु में भी उप्र के दो करोड़ नल कनेक्शन के रिकार्ड की सुनाई दी गूंज

-प्रमुख सचिव ने बताया बुंदेलखंड और विंध्य में कैसे पहुंची हर घर नल योजना

लखनऊ, 23 जनवरी (हि.स.)। जिस तरह से हर घर नल से जल योजना में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ कनेक्शन किए गए हैं, इस अचंभित करने वाले रिकॉर्ड की धूम तमिलनाडु तक पहुंच गई है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में मंगलवार से शुरू हुई ऑल इंडिया सेक्रेटरीज कांफ्रेंस के पहले सत्र की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश नमामि गंगे एवम ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि उप्र ने कैसे इतने कम समय में दो करोड़ कनेक्शन का लक्ष्य प्राप्त किया।

कांफ्रेंस में प्रमुख सचिव ने बताया कि बड़ा प्रदेश होने के नाते पहले बुदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में परियोजना को शुरू किया गया। इन दोनों क्षेत्रों में पहले पानी की समस्या बहुत अधिक थी। आज बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के 90 प्रतिशत से अधिक घरों में नल से पानी की सप्लाई हो रही है। योजना के तहत नल से घर पहुंचाने के साथ साथ ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ाने और नदियों को साफ करने का काम किया जा रहा है। इस कांफ्रेंस का विषय ‘वाटर विजन-2047 वे अहेड’ था। कांफ्रेंस में जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण जलापूर्ति व पानी के भविष्य योजनाओं पर हुआ विचार विमर्श किया गया।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के असर, जल संरक्षण जलापूर्ति व पानी के भविष्य को लेकर योजनायें बनाने के विचार विमर्श पर अपने विचार व्यक्त किये। अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जलवायु परिवर्तन का असर जल प्रबंधन पर भी पड़ा है हमको जल संरक्षण जलापूर्ति और पानी के भविष्य को लेकर योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले सेमिनारों में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी इस बात पर बल देते हैं कि जल संरक्षण और जलापूर्ति के मुद्दे पर हमको जलवायु परिवर्तन पर भी नजर रखनी होगी वरना सारे प्रयास बेकार हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पानी के संरक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश लगातार अभियान चला रहा है। स्कूली बच्चों को जल संरक्षण, पानी के इस्तेमाल और पेय जल की उपलब्धता को लेकर जल ज्ञान यात्रा चलाई जा रही है। इसके अलावा आम लोगों को भी जल संरक्षण, जल संचयन के प्रति विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है।

विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस वर्कशॉप में इन सारी बातों के इतर उत्तर प्रदेश में हर घर नल से जल योजना के तहत दो करोड़ घरों में पानी का कनेक्शन देने के रिकॉर्ड को लेकर खूब चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विभाग के अधिकारियों ने जिस तरह से इसमें अपना योगदान देते हुए उत्तर प्रदेश के लाखों गांवों तक पानी का कनेक्शन पहुंचा दिया उसकी खूब सराहना की गई है। हर घर नल से जल योजना के तहत उत्तर प्रदेश अब तक 75 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है। हाल ही में यूपी में 2 करोड़ कनेक्शन देने का आंकड़ा भी पार कर लिया है।

जैविक खेती से साफ हो रही नदियां

कांफ्रेंस के दौरान प्रमुख सचिव ने बताया कि किस तरह से गंगा यमुना और दूसरी सहायक नदियों को साफ करने का किया जा रहा है। नदियों को साफ करने के लिए पांच किलोमीटर के दायरे में जैविक खेती की जा रही है। गंगा नदी को साफ रखने के लिए बिजनौर से बलिया तक नदी किनारे आने वाले गांवों के लोगों के साथ मिलकर सरकार विभिन्न कार्यक्रम चला रही है। नदियों को साफ करने के लिए एसटीपी बनाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में एमडी जल निगम ग्रामीण डॉ बलकार सिंह भी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार /पीएन द्विवेदी

   

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