व्यापारियों ने उठाई नगदी लेनदेन की सीमा बढ़ाने एवं आयकर में छूट की मांग

जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते व्यापारीजिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते व्यापारी

मेरठ, 24 जनवरी (हि.स.)। उद्योग व्यापार के प्रतिनिधि मंडल ने आगामी बजट में व्यापारी व उद्यमियों की समस्याओं को हल करने की मांग की है। बुधवार को व्यापारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी मेरठ को सौंपा।

संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों ने नगदी लेनदेन की सीमा को बढ़कर एक लाख करने एवं आयकर छूट को 10 लाख रुपये करने की मांग की। लोकेश अग्रवाल ने कहा कि बढ़ती हुई महंगाई को ध्यान में रखकर नगद लेनदेन की सीमा बढ़कर एक लाख किया जाए, ताकि व्यापारी का रास्ते में नगदी को लेकर उत्पीड़न ना हो। उन्होंने आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करने की मांग करते हुए कहा कि आयकर व जीएसटी देने वाले व्यापारियों के परिवार के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य की मुफ्त व्यवस्था की जाए।

लोकेश अग्रवाल ने जीएसटी दरों की विसंगतियों की चर्चा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग की कि जीएसटी का सरलीकरण कर जीएसटी में दरों की विभिन्नताएं समाप्त की जाए। जीएसटी कि दरें 0, 5, 12 तथा अधिकतम 18 प्रतिशत रखी जाए। साथ ही एक ट्रेड में सभी प्रकार के कारोबार पर एक ही दर रखी जाए। इससे व्यापारियों को सहूलियात होगी तथा सरलीकरण होने से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।

ज्ञापन में दैनिक इस्तेमाल की चीज जैसे अनाज (गेहूं चावल दाल आटा) कपड़ा आदि से जीएसटी समाप्त करने के साथ घरेलू व कुटीर उद्योगों को 10 साल तक जीएसटी में आयकर से छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयकर दाता व्यापारी की किसी प्रकार से मृत्यु होने पर उसके परिवार को 10 लाख रुपये का बीमा दिया जाए। व्यापारियों के उत्पीड़न में बड़ी भूमिका निभाने वाली मंडी समिति को पूर्ण रूप से समाप्त करने की व्यापार मंडल ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है।

लोकेश अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बजट में मांग करते हुए कहा कि 20 साल तक आयकर रिटर्न भरने वाले व्यापारियों को 40 हजार प्रतिमाह पेंशन दी जाए। कुटीर व घरेलू उद्योगों तथा रिटेल व्यापार को बचाने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग पर 10 प्रतिशत कर लगाने की व्यवस्था की जाए। साथ ही ई-कॉमर्स मार्केटिंग में जीएसटी चोरी रोकने के लिए रेगुलर मार्केट मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट अमेजॉन जैसे पोर्टल द्वारा सीधे उपभोक्ता को सामान बेचा जाता है। आईटीसी का दुरुपयोग कर सरकार के राजस्व की चोरी की जा रही है, इसलिए इस तरह के ऑनलाइन पोर्टल द्वारा बेचे गए सम्मान पर जीएसटी इनपुट क्रेडिट लेने पर रोक लगाई जाए। ज्ञापन देने वालों में जिला अध्यक्ष राजकुमार त्यागी, विजय मान, निशांक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप/राजेश

   

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