ग्रामीण क्षेत्रों में खेल-कूद प्रतियोगिता की परंपरा कायम रहना सुखद संकेत : संतोष कुशवाहा

पूर्णिया 27 जनवरी(हि. स.)। फुटबॉल टूर्नामेंट में दर्शकों की आज यहां उमड़ी भीड़ इस बात का गवाह है कि आज भी खेल ग्रामीण क्षेत्रों में जिंदा है।ग्रामीण क्षेत्रों में खेल -कूद प्रतियोगिता की परंपरा कायम रहना सुखद भविष्य का संकेत है।निश्चित रूप से आज खेल में भी कॅरियर की संभावना है।नीतीश कुमार जी की सरकार तो अब खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी भी दे रही है।उक्त बातें शनिवार को सांसद संतोष कुशवाहा ने पूर्णिया पूर्व प्रखण्ड के महेन्द्रपुर स्थित कर्बला मैदान में फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले का उद्घाटन करते हुए कही।

सांसद कुशवाहा ने कहा कि खेल हमे अनुशासन और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सिखाती है।उन्होंने जितने और हारने वाले दोनों टीम को शुभकामना देते हुए कहा कि खेल को खेल भावना से खेला जाना चाहिए।हार हो या जीत आपके लिए एक चुनौती है।ग्रामीणों की मांग पर सांसद श्री कुशवाहा ने आश्वस्त किया कि कर्बला खेल मैदान को मिनी स्टेडियम में तब्दील किया जाएगा और यहां खिलाड़ियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।कार्यक्रम को जिला कांग्रेस अध्यक्ष नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह ने भी संबोधित किया।

सांसद कुशवाहा रानीपतरा के दरगहा खेल मैदान में आदिवासी नवयुवक विकास समिति द्वारा आयोजित 15 दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह में शामिल हुए।यहां रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच सांसद श्री कुशवाहा का ग्रामीणों और समिति द्वारा भव्य स्वागत किया गया।इस मौके पर उन्होंने टूर्नामेंट के विजेता और उपविजेता टीम के बीच ट्रॉफी का वितरण किया।उन्होंने दोनों टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीत और हार दोनों को समान रूप से स्वीकार किए जाने की जरूरत है।क्योंकि न तो कोई जीत आखिरी जीत होती है और न ही कोई हार आखिरी हार होती है।

कुशवाहा ने कहा कि उम्मीद करते हैं की इसी तरह के ग्रामीण इलाके से भी कोई विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव पैदा होगा और इस तरह के प्रतियोगिता की सार्थकता साबित होगी।

हिंदुस्थान समाचार/नंदकिशोर/चंदा

   

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