माघ मेला : दस दिवसीय 'चलो मन गंगा जमुना तीर' पांच फरवरी से

-विभिन्न राज्यों के लगभग 500 कलाकार देंगें प्रस्तुतियां

प्रयागराज, 29 जनवरी (हि.स.)। संगम की रेती पर एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से दस दिवसीय ‘चलो मन गंगा जमुना तीर’ सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत पांच फरवरी से होगी। परेड ग्राउंड स्थित पंडाल में विभिन्न राज्यों से आये कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देगें। कार्यक्रम की प्रस्तुति प्रतिदिन अपराह्न चार बजे से होगी।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने बताया कि यह आध्यात्मिक, लोकधर्मी उत्सव अपनी माटी, लोक संस्कृति, वेशभूषा को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से लोगों को परिचित कराता रहा है। ‘चलो मन गंगा जमुना तीर’ में विभिन्न प्रांतों के लोक, जनजातीय लोकनृत्य, सुगम संगीत और वादन से जुड़े लगभग 500 लोक कलाकार रंगारंग प्रस्तुतियों से माघ मेले को गुलजार करेंगें।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार अपनी माटी की सुगंध को संगम की रेती पर बिखेरेगें।

निदेशक ने बताया कि कार्यक्रम में स्थानीय लोक कलाकारों को भी मौका दिया गया है। इसमें 12 बिरहा गायकों की टीम ‘चलो मन गंगा जमुना तीर’ के मंच पर लोक संस्कृति को ऊंचाई प्रदान करेगी। साथ ही नृत्य नाटिका, होजागिरी, पंथी, लावणी, कालबेलिया आदि लोकनृत्यों का श्रद्धालु आनंद उठा सकेंगें।

उन्होंने बताया कि राजस्थान का कालबेलिया, पाण्डवानी, जिंदुआ, छाऊ लोकनृत्य तथा प्रसिद्ध भोजपुरी गायक चंदन तिवारी, नृत्य नाटिका कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगें। समापन दिवस पर गुरू शिष्य परम्परा के अंतर्गत लोकनाट्य माच एवं तेजा जी की कथा को भी जीवंत किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण

   

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