विधायक बालमुकुंद आचार्य के बयान पर हंगामाः छात्राओं ने थाने का घेराव कर की नारेबाजी

जयपुर, 29 जनवरी (हि.स.)। सुभाष चौक थाना इलाके में सोमवार सुबह उस समय हडकंप मच गया जब बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल की छात्राओं ने थाने का घेराव कर नारेबाजी करते हुए सड़क को जाम कर दिया। छात्राओं का आरोप है कि बाबा बालमुकुंद आचार्य उनके स्कूल आए थे। इस दौरान उन्होंने हिजाब को लेकर बोला। नारे भी लगाए गए थे। घटना की जानकारी मिलने पर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सुभाष चौक मौके पर पहुंचे। छात्राओं से बात करते हुए मामला शांत करवाया।

सहायक पुलिस आयुक्त डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि गंगापोल गर्ल्स स्कूल की छात्राएं सोमवार सुबह नौ बजे सुभाष चौक थाने पर पहुंची। देखते ही देखते छात्राओं की संख्या बढ़ गई। पुलिस ने जब छात्राओं से कारण पूछा तो बताया कि विधायक बालमुकुंद आचार्य स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान पहुंचे थे। उन्होंने स्कूल में हमारे हिजाब को लेकर बातें कीं। यह हमें मंजूर नहीं है। शिक्षा के मंदिर में हिंदू-मुसलमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छात्राओं के साथ-साथ उनके परिजन भी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे। कार्रवाई की मांग करने लगे। इस दौरान छात्राएं सुभाष चौक सर्किल के चारों तरफ सड़क पर बैठ गई थीं। वहीं आदर्श नगर विधायक रफीक खान और किशनपोल विधायक अमीन कागजी सभी छात्राओं को लेकर मौके से रवाना हो गए। दोनों की ओर से एक लिखित शिकायत सुभाष चौक थाने में दी गई है। जिस पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन को दो दिन का समय दिया गया है।

प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने बताया कि स्कूल में एनुअल कार्यक्रम था। जहां बाबा को बुलाया गया था। बाबा ने जान-बूझकर नारे लगवाए। उन्होंने कहा कि हिजाब को स्कूल में अलाऊ नहीं करेंगे। यह गलत है। छात्राओं के प्रदर्शन के कारण आमेर की ओर से आने वाला रास्ता बंद हो गया था। वहां से आने वाले ट्रैफिक को ब्रह्मपुरी-रामगढ़ मोड़ की तरफ डायवर्ट कर दिया गया था। जयपुर से आमेर जाने वाले ट्रैफिक में परेशानी नहीं हो रही थी।

विधायक बालमुकुंद आचार्य ने विधानसभा के बाहर कहा कि स्कूलों का एक ड्रेस कोड होता है। मेरे भाषण को देखा जा सकता है। मैंने स्कूल में बच्चियों को कुछ नहीं कहा। मैंने केवल स्कूल प्रिंसिपल से पूछा था कि क्या स्कूल में दो तरह का ड्रेस कोड है। उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है। यह मानते ही नहीं हैं।

बालमुकुंद ने कहा कि मुझे स्कूल में दो तरह का माहौल नजर आया। एक हिजाब के साथ दूसरा बिना हिजाब के था। ऐसे में हमारे भी बच्चे-बच्चियां कल को लहंगा-चुन्नी पहनकर आएंगे, कलरफुल ड्रेस पहनकर आएंगे। जब स्कूल का ड्रेस कोड तय है, बच्चियों को इसमें आपत्ति भी नहीं है। केवल उन्हें गाइड करने की जरूरत हैं। आचार्य ने कहा कि मेरा सवाल वाजिब है। स्कूल का ड्रेस कोड तय है। वहां का नियम कायदा होता है। स्कूल में ड्रेस कोड के हिसाब से ही आना चाहिए। इन्हें तो सरस्वती के श्लोक बोलने पर भी आपत्ति है। यह क्या बात हुई। विद्यालय में सबके लिए नियम बराबर हैं। जबरन जय श्रीराम के नारे लगाने के सवाल पर विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि मैंने ऐसे कोई नारे नहीं लगवाए। मैंने कहा था भारत माता की जय बोलिए। उन्हें समझाया भी था कि भारत हमारा देश हैं। यह धरती हमारी माता है। यह हमारी मां की भी मां हैं। क्या भारत माता की जय बोलना भी गलत है। उन्होंने कहा कि मैं मदरसों में भी गया था। मैने वहां तो ड्रेस बदलने की बात नहीं की। हर जगह का अपना ड्रेस कोड तय है। स्कूल में ड्रेस कोड के हिसाब से ही आना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

   

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