फसलों के नुकसान का मुआवजा देने में लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी सख्त, जवाब तलब

- क्षतिग्रस्त फसलों के दोबारा सत्यापन में लापरवाही पर सीएम योगी ने जताई नाराजगी, 17 जिलों के एडीएम से मांगी जानकारी

- आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे की समीक्षा बैठक में सीएम ने वंचित किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने के दिये निर्देश

लखनऊ, 30 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री योगी ने नाराजगी जताते हुए 17 जिलों के अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विभिन्न आपदाओं से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के मुआवजे और अन्य राहत को लेकर समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने त्रुटियों के कारण फसलों के नुकसान के दोबारा सत्यापन में लापरवाही और मुआवजा नहीं देने पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को ऐसे मामलों में तत्काल सत्यापन कराकर किसानों को मुआवजा राशि प्रदान करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि फसलों के नुकसान का सत्यापन करने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को मुआवजा राशि व अन्य राहत प्रदान की जाती है लेकिन कुछ मामलों में तकनीकी कमियों के कारण कुछ किसानों की फसलों का सत्यापन पूर्ण नहीं हो सका। वहीं दोबारा उनका सत्यापन नहीं किया गया, जिससे कुछ किसान सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली राहत और मुआवजा राशि प्राप्त नहीं कर सके। इसी को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने सख्ती जताते हुए अधिकारियों से जवाब तलब करने के साथ ही वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने लापरवाही पर नाराजगी जाहिर कर लगाई कड़ी फटकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में पाया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित हजारों किसानों को डाटा फीडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या और डुप्लीकेसी के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका जबकि उन्होंने अधिकारियों को दोबारा सत्यापन करा मुआवजे से वंचित किसानों को सहायता राशि देने के निर्देश दिये थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित किसानों का सर्वे नहीं कराया। इसकी वजह से समय से किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कड़ी फटकार लगाई। इतना ही नहीं, उन्होंने लापरवाह 17 एडीएम एफआर से जवाब तलब करते हुए कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी की नाराजगी के बाद हरकत में अधिकारियों ने अपने-अपने जिले में मुआवजे से वंचित किसानों का दोबारा सर्वे कराकर शासन से बजट की डिमांड की है। अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए डिमांड के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक 35 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द मुआवजे से वंचित किसानों का सत्यापन कराकर धनराशि के डिमांड के निर्देश दिये गये हैं।

लापरवाह एडीएम को एक हफ्ते में शासन को उपलब्ध कराना होगा जवाब

अपर मुख्य सचिव राजस्व ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 17 जिलों के एडीएम एफआर से लापरवाही पर जवाब तलब किया गया है, इनमें अलीगढ़, हाथरस, बाराबंकी, मऊ, बरेली, बदांयू, अंबेडकरनगर, शाहजहांपुर, महोबा, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, झांसी, ललितपुर, गाजियाबाद, बिजनौर और कौशांबी के एडीएम एफआर शामिल हैं। सभी एडीएम को एक हफ्ते में अपना जवाब शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी एडीएम से जवाब मिलते ही रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। सीएम योगी के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि बाढ़, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाता है। सीएम योगी के निर्देश पर किसानों को मुआवजा धनराशि सर्वे के 24 घंटे में डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में भेजी जा रही है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में प्रदेश के 75 जिलों के क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित 13,97,480 किसानों को 5,08,31,80,715 रुपये की सहायता धनराशि दी गई। वहीं वर्ष 2022-23 में 10,44,387 किसानों को 4,25,22,41,276 रुपये की सहायता धनराशि दी गई जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक 1,87,845 किसानों को 80,88,68,299 रुपये की सहायता धनराशि वितरित की जा चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप शुक्ल/सियाराम

   

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