हज आवेदन शुल्क को तत्काल खत्म करे अल्पसंख्यक मंत्रालय: अनीस मंसूरी

लखनऊ,01 फरवरी(हि.स.)। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और हज कमेटी से मांग की है कि 300 हज आवेदन शुल्क और 1500 प्रोसेसिंग चार्जेज को तत्काल खत्म करे।

उन्होंने गुरुवार को अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और हज कमेटी ऑफ इंडिया दोनों मिलकर देश के 1लाख 40 हजार 20 हज यात्रियों को गुमराह कर उन्हें लूटने का काम कर रहे हैं। श्री मंसूरी ने कहा कि मंत्रालय और हज कमेटी ने नि:शुल्क हज आवेदन फॉर्म भरने का ढिंढोरा पीट कर खूब वाहवाही लूटी लेकिन अब वह हर चयनित यात्री से 300 रुपये वसूल रही है। इसके अलावा प्रत्येक हज यात्री से 1500 मिसलेनियस चार्ज के भी लिए जा रहे हैं। इस तरह से मंत्रालय और हज कमेटी देशभर के हज यात्रियों से 25 करोड़ 20 लाख 36 हजार रुपए वसूलेगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय और हज कमेटी दोनों सेवा की संस्था न होकर हज के जरिए पैसा कमाने पर तुली है।

अनीस मंसूरी ने कहा कि मंत्रालय और हज कमेटी के कुप्रबंधन की वजह से ही इस साल सबसे कम लोगों ने हज जाने के लिए आवेदन फॉर्म भरा है। उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 31180 सीटों का कोटा मिला था लेकिन कम आवेदन फार्म भरे जाने की वजह से 19702 लोगों ने ही आवेदन किया जिसकी वजह से 11478 हज सीटें वापस करनी पड़ी। यह एक बड़ी चिंता और शर्म की बात है। यही स्थिति देश के 19 अन्य राज्यों की भी है। पहले की सरकारों में जहां हज आवेदन को की संख्या को देखते हुए लॉटरी करवानी पड़ती थी वहीं हज-2024 के लिए मात्र 12 राज्यों में ही चुनाव हुए। मंत्रालय और हज कमेटी ऑफ इंडिया को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

अनीस मंसूरी ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और हज कमेटी ऑफ इंडिया गरीबों की खून पसीने की कमाई को लूटना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब तक हज विभाग विदेश मंत्रालय के अधीन था तब तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता था। लेकिन जब से इस विभाग को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अधीन कर दिया गया तब से हर साल इस व्यवस्था के बुरे दिन आ रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि हज विभाग को पहले की तरह विदेश मंत्रालय के अधीन किया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/सियाराम

   

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