केंद्र सरकार का अंतरिम बजट भी जुमला ही निकला : मोहन मरकाम

रायपुर, 1 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किये गए अंतरिम बजट पर पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है। अपने इस “विदाई बजट“ में भी केंद्र सरकार ने देश के किसानों, नौजवानों, महिलाओं करदाताओं और मध्यम वर्ग सहित किसी को कुछ भी नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दी थी, जिसके हिसाब से 20 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना चहिये था। लेकिन देश के करोड़ों युवा जो बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं उनके लिए इस बजट में कुछ नहीं है। बेरोजगारी के हाहाकार में देश के युवा तो अब रोजगार की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं। देश की कार्यशक्ति में महिलाओं की भागीदारी लगातार घटती जा रही है। किसानों की आय दुगुनी करने की गारंटी दी थी, लेकिन किसानों की आमदनी लगातार कम होती जा रही है और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। लगातार किसानों की आत्महत्या की खबर आ रही है। भाजपा की जुमला नीति से महंगाई की मार लगातार बढ़ती जा रही है, ना गैस सिलेंडर के दाम कम हुए ना खाद्य पदार्थों के दाम कम करने को लेकर कोई प्रयास इस बजट में नजर आया।

केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट पूरे देश में भ्रम का मायाजाल बिछाकर आगामी लोकसभा में येन केन प्रकरेण सत्ता हासिल करना है और जनता के हित जनता के विकास से इस बजट का कोई लेना देना नहीं है। अब इस देश की जनता इनके मायाजाल में फंसने वाली नहीं है और इन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाकर करारा जवाब देने का मन बना चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

   

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