तारानगर के नेताजी से पूछने की टिप्पणी के बाद डोटासरा और राठौड़ के बीच चले शब्दों के तीर

जयपुर, 1 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए भर्ती परीक्षाओं में घपलों को लेकर नाम लिए बिना कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर तंज कसा था। इसके अगले ही दिन बुधवार को डोटासरा ने सीएम भजनलाल शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए तारानगर से लड़ने वाले नेताजी से पूछने की टिप्पणी कर दी। इसके बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच एक बार फिर तल्ख बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव के पहले से जारी तल्खी एक बार फिर बढ़ गई है। डोटासरा के बुधवार के बयान पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया पर राजेंद्र राठौड़ ने पेपर लीक और उनके परिवार से चार-चार आरएएस बनने पर तंज कसा। इसके बाद दोनों तरफ से तल्ख कमेंट शुरू हो गए।

राठौड़ ने डोटासरा पर पलटवार करते हुए एक्स पर लिखा कि 'इतना भी गुमान ना कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं। सीकर वाले नेताजी, इतना भी अहंकार ठीक नहीं है। हार और जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं। अभी एक परीक्षा और बाकी है।' राठौड़ ने लिखा कि 'युवा आज भी पूछ रहे हैं कि एक ही परिवार से चार-चार आरएएस बनना संयोग था या प्रयोग? युवाओं के सपनों के सौदागरों को माफ नहीं किया जाएगा। जवाब तो देना ही पड़ेगा।'

राठौड़ की पोस्ट के बाद डोटासरा ने जवाबी हमला करते हुए लिखा कि 'गलतफहमी ना पाल, ये जनता का पर्चा है। तेरे सिर्फ टोल, बजरी, भूमाफिया होने की चर्चा है। काश, अवैध अड्डों से इत्तर तारानगर वाले नेताजी की जनता में भी चर्चा रहती तो जवाब सदन में मिलता। और हां..अहंकार नहीं, स्वाभिमान है। हमारे यहां बच्चों को मेहनत करने और पढ़ने की शिक्षा दी जाती है, टोल, बजरी और शराब के धंधे की नहीं। अगली परीक्षा के लिए शुभकामनाएं।'

राठौड़ ने डोटासरा के पोस्ट के बाद फिर पलटवार किया। राठौड़ ने लिखा कि बेरोजगारों का पर्चा लीक करने में भी मेहनत होती है। यह अजीबोगरीब कहानी आपकी अदा से ही क्यों बयां होती है। गरीबों के सपने कुचलने में कैसा स्वाभिमान? राठौड़ ने कलाम कोचिंग से डोटासरा का संबंध जोड़ते हुए तंज कसा कि 'गफलतों में डूबी तुम्हारी जिंदगी में नफरत की आग जमा है। गली-गली में चर्चे हैं तेरे 'कलामों' के, पर 'कलामों' के पन्नों पर कई दाग जमा हैं।' उन्होंने लिखा कि 'राजनीति में आलोचना-समालोचना जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे कि मर्यादाहीन भाषा आने वाली पीढ़ी को हिबा ना हो। जब कभी नजरें मिलें तो हम शर्मिंदा ना हों।'

असल में, डोटासरा ने बुधवार को सीएम भजनलाल शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री सदन में मुझसे पूछ रहे थे कौन-सी चक्की का आटा खाते हैं। जो एक ही परिवार से चार-चार आरएएस बन गए। तारानगर से लड़ने वाले नेताजी से पूछ लीजिए कि कौन-सी चक्की का आटा खाया। वो पूछते थे कौनसी चक्की का आटा खाया, उन्हें जनता ने बता दिया। मैं जब राजस्थान विधानसभा में बोलूंगा, उनके हर आरोप का जवाब दूंगा, उनके कान खड़े हो जाएंगे। उनकी सुनने की क्षमता नहीं होगी, चिल्ला-चिल्ला कर बाहर निकल जाएंगे, भाग जाएंगे। राठौड़ ने इसी बयान पर सोशल मीडिया में पलटवार किया और फिर दोनों के बीच तल्ख कमेंट की जंग शुरू हो गई।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा में बहस का जवाब देते हुए नाम लिए बिना डोटासरा पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि कई सदस्य तो ऐसे हैं, जिन्होंने खुद ने तो कुछ काम नहीं किया। वो अपने पिता और पूर्वजों की खा रहे हैं। लेकिन, बातें बड़ी-बड़ी करते हैं। इसलिए एक ही परिवार के तीन-तीन, चार-चार सदस्य आरएएस सलेक्ट हो रहे थे। वो कौनसी चक्की का आटा खाते थे, कहां का पानी पीते थे। नंबर भी सबके बराबर आ रहे हैं। लेकिन, वो तो वही करेगा, जो उसे कहा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

सम्बंधित खबर