सरकारी नीतियों से गांवों की हालत हो रही खराब तो शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों और मजदूरों की संख्या बढ़ रही: हेमंत खवा

-आम आदमी पार्टी ने गुजरात सरकार के बजट को किसान और युवा विरोधी बताया

गांधीनगर, 09 फ़रवरी (हि.स.)। आम आदमी पार्टी (आआपा) के जामजोधपुर विधायक हेमंतभाई खवा ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखते हुए कहा कि गुजरात की भाजपा सरकार एक बार फिर गांव विरोधी, युवा विरोधी और किसान विरोधी बजट लेकर आई है। पार्टी ने सदन में भी बजट की कड़ी निंदा की। इस बजट में ग्राम विकास विभाग को केवल 2.9% बजट आवंटित किया गया है। वहीं, मणिपुर, झारखंड और बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में भी बजट का 10% से 16% हिस्सा ग्रामीण विकास विभाग को आवंटित किया जाता है। समृद्ध माने जाने वाले गुजरात में ग्रामीण विकास विभाग के लिए बजट का केवल 2.9% ही रखा गया है।

खवा ने कहा कि गुजरात सरकार ने शहरी विभाग में 6.3 फीसदी यानी ग्रामीण विकास विभाग से दोगुने से भी ज्यादा बजट आवंटित किया है। सरकार की ऐसी नीतियों के कारण गांवों की हालत खराब हो रही है और शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों और मजदूरों की संख्या भी बढ़ रही है। पिछले तीन वर्षों के अनुसार, ग्रामीण विकास विभाग का राष्ट्रीय औसत बजट 5% रहा है, लेकिन गुजरात सरकार ने बजट का केवल 2.9% आवंटित करके गांवों की उपेक्षा की है। इसी तरह, तेलंगाना में कुल बजट का 16.4% कृषि कल्याण किसान सहयोग विभाग को आवंटित किया गया है। जहां आआपा की सरकार है वहां बजट का 10.2 फीसदी हिस्सा किसानों के लिए आवंटित किया जाता है। जबकि गुजरात सरकार ने किसानों के लिए बजट का केवल 4% आवंटित किया है। इससे स्पष्ट है कि किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। 182 विधायकों में से 139 विधायक ग्रामीण इलाकों से किसानों का वोट लेकर विधानसभा में आ रहे हैं, फिर भी, किसानों के लिए केवल 4% राशि निर्धारित की गई है। पंजाब में किसानों के लिए 10.2% बजट आवंटित कर किसानों को समृद्ध किया गया है। उसी प्रकार गुजरात में भी किसानों के लिए अधिक बजट आवंटित कर गुजरात के किसानों को समृद्ध बनाया जाए, ऐसी हमारी मांग है।

शिक्षा बजट पर भी उठाया सवाल

आआपा विधायक खवा ने कहा कि कुल बजट का 14.9% शिक्षा विभाग के पीछे आवंटित किया गया है। जबकि दिल्ली में बजट का 24.3% शिक्षा विभाग को आवंटित किया जाता है। वहीं आवंटित बजट का एक बड़ा हिस्सा अप्रयुक्त रह जाता है। ऐसा चार-पांच साल से लगातार हो रहा है। पिछले साल ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक विभाग के बजट का 14 फीसदी यानी 396 करोड़ रुपये बेकार पड़ा है। ग्राम विकास विभाग के 186 करोड़ रुपये बेकार पड़े रहे हैं। बाढ़ एवं सिंचाई की 5 प्रतिशत राशि भी उपयोग के बिना पड़ी रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/आकाश

   

सम्बंधित खबर