पॉड टैक्सी के साथ कॉरिडोर पर भी विरोध हुआ शुरू

हरिद्वार, 03 फ़रवरी (हि.स.)। तीर्थनगरी में पॉड टैक्सी के बाद अब कॉरिडोर योजना का भी विरोध सामने आने लगा है। चुनावी माहौल में विपक्ष इसे गर्माने में लग गया है। इसके बाद कारीडोर योजना पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में संभव है कि शासन भी असंतोष को टालते हुए योजना को केवल कुछ बिंदुओं तक ही सीमित कर दे।

हरिद्वार शहर से जाम को समाप्त करने और सघन आबादी के बीच पॉड टैक्सी के लिए रूट प्लान तय किया गया था। इसके तहत भूपतवाला से वाल्मीकि चौक तक और शहर के मध्य गंगा पार कर कनखल क्षेत्र को पॉड टैक्सी परियोजना से जोड़ने की योजना थी। इसको लेकर व्यापारियों, श्री गंगासभा, धर्मशाला संचालकों के साथ लगातार बैठकों का दौर चला। पॉड टैक्सी परियोजना को लेकर कार्ययोजना तैयार करने में जुटी रेल मैट्रो कारपोरेशन ने भी सहमति बनाने का प्रयास किया। इसको लेकर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने छह से अधिक बैठकें की। इन सब के बावजूद पॉड टैक्सी परियोजना प्रस्तावित स्वरूप में मूर्त रूप नहीं ले सकी।

अब जब हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर मास्टर प्लान तैयार कर रही कंसल्टेंट कंपनियों ने काम शुरू किया तो, इसके विरोध में भी स्वर उठने लगे। व्यापारियों का मानना है कि बगैर उनसे सुझाव लिए और सहमति के बिना योजना को अंतिम रूप न दिया जाए।

व्यापारियों का विरोध इसलिए भी है कि कोई भी योजना लागू करने के पूर्व स्टेक होल्डर से परामर्श नहीं लिया जा रहा। कुछ व्यापारी संगठनों का कहना है कि योजना से विकास का परिदृश्य क्या होगा और इसका व्यवसाय और धर्मनगरी के स्वरूप पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका स्पष्ट उल्लेख करते हुए वार्ता करनी चाहिए। एक व्यापार मंडल ने जहां इसके लिए नगर विधायक के जरिए मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया है तो वहीं दूसरे व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही योजना को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने की बात कह रहा है।

जिले में विपक्ष के विधायक इस असंतोष को भुनाने में जुट गए हैं। आने वाले समय में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में विपक्ष कॉरिडोर मुद्दे के असंतोष को ओर हवा देगा। इसको देखते हुए संभव है कि सरकार भी कॉरिडोर के ज्यादा विवादों वाले हिस्सों को छोड़ दे। हालांकि कॉरिडोर योजना प्रदेश व केंद्र की ड्रीम योजनाओं में शुमार हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/रामानुज

   

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