पांच लाख की रिश्वत मामले में सीमा शुल्क के पूर्व उपयुक्त समेत तीन को चार साल की सज़ा

गाजियाबाद, 03फरवरी (हि.स.)। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने शनिवार को सीमा शुल्क के पूर्व उपायुक्त सहित चार लोगों को चार-चार साल के कारावास व आठ लाख रुपये के जुर्माने तथा एक महिला को दो साल के कारावास व चार लाख के जुर्माने की सज़ा सुनाई है। सीबीआई ने इन्हें पांच लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि सीबीआई ने शशि कांत(तत्कालीन उप आयुक्त सीमा शुल्क), नरेन्द्र कुमार चुग एवं सतीश गुप्ता (मध्यस्थ व्यक्ति) तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध 29 नवम्बर 2013 को मामला दर्ज किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि नरेंद्र कुमार चुग ने आईसीडी, दादरी, गौतम बुद्ध नगर, यूपी में सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त की गई। अपनी कंपनी के टायरों की खेप को जारी करने के लिए मध्यस्थ व्यक्ति सतीश गुप्ता से संपर्क किया।

यह भी आरोप था कि सतीश गुप्ता ने कंपनी की जब्त की गई खेप को पक्ष लेते हुए निर्गत करने के लिए मंजूरी दिलाने के लिए शशिकांत से आईसीडी दादरी से संपर्क किया। इस शशि कांत ने पक्षपात करने के लिए नरेंद्र कुमार चुघ से पांच लाख रुपये की रिश्वत की मांग की।

सीबीआई ने जाल बिछाया एवं नरेंद्र कुमार चुघ को लोक सेवक की ओर से श्वेता को उनके नोएडा स्थित आवास पर रिश्वत के तौर पर पांच लाख रुपये देते हुए पकड़ लिया। आरोपियों के आवासीय एवं कार्यालयी परिसरों में तलाशी ली गई। आरोपी शशि कांत, नरेंद्र कुमार चुग एवं सतीश गुप्ता को गिरफ्तार किया गया तथा बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि 29जनवरी 2014 को आरोप पत्र दायर किया गया। विचारण के दौरान, सीबीआई ने अदालत के समक्ष कई दस्तावेजों के साथ अभियोजन पक्ष के 31 गवाहों का हवाला दिया।आज मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने शशि कांत, नरेंद्र कुमार चुघ, मैसर्स अबान ए शुल्क नवक्ज़िम प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन मुख्य प्रोत्साहक (निजी व्यक्ति) को 4 वर्ष की कारावास के साथ 8 लाख रु. का जुर्माना एवं सतीश गुप्ता, (मध्यस्थ व्यक्ति) को 4 वर्ष की कारावास के साथ 8 लाख रु. के जुर्माने की सजा तथा शशिकांत की पत्नी श्वेता को 2 वर्ष की कारवास के साथ 4 लाख रुपये का जुर्माने की सज़ा सुनाई।

हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली /राजेश

   

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