इंदौरः बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम में लिए सात संयुक्त दलों का गठन

- भिक्षा मंगवाने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध होगी कड़ी कार्यवाही

इंदौर, 6 फरवरी (हि.स.)। जिले को बाल भिक्षा मुक्त जिला बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिला टास्क फोर्स की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार जिले के विभिन्न चौराहों एवं धार्मिक स्थलों पर बाल भिक्षा वृति रोकथाम अभियान चलाया जाएगा। जिले को बाल भिक्षा मुक्त बनाये जाने की कार्यवाही की जाने हेतु विभिन्न विभागों के सात संयुक्त दलों का गठन किया गया है। यह जानकारी मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया ने दी।

उन्होंने बताया कि उक्त दलों में स्मार्ट सिटी परियोजना, नगर निगम इंदौर, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शौर्य दल सदस्य एवं संस्था प्रवेश इंदौर के सदस्यों को सम्मिलित किया गया है। उक्त गठित दल शहर के 40 विभिन्न चौराहों एवं धार्मिक स्थलों पर बाल भिक्षा वृत्ति में लिप्त बालकों को अभिरक्षा में लेकर बाल कल्याण समिति जिला इंदौर के समक्ष प्रस्तुत कर बालकों के पुर्नवास संबंधी कार्य करेंगे। बाल भिक्षा वृत्ति में लिप्त शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा विभाग के माध्यम से पुनः शिक्षा से जोडा जायेगा।

उक्त अभियान अंतर्गत जो व्यक्ति भीख मंगवाने के प्रयोजन से बालकों को नियोजित करता है या किसी बालकों से भीख मंगवाता है ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और सरक्षण) अधिनियम 2015 एवं सशोधित अधिनियम 2021 की धारा 76 (1) के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। दोषी व्यक्ति को पांच वर्ष तक के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना के दण्ड का प्रावधान हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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