बीएचयू के शिक्षकों को विश्व के शीर्ष संस्थानों में शिक्षण-शोध का मिलेगा अवसर

वाराणसी, 07 फरवरी(हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षण व अनुसंधान अनुभव के लिए विश्व के शीर्ष 500 संस्थानों में एक वर्ष तक शिक्षण-शोध करने का अवसर मिलेगा।

विश्वविद्यालय ने ग्लोबल एक्सपीरियंस फैकल्टी प्रोग्राम नाम से एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत शिक्षकों को विश्व के शीर्ष 500 संस्थानों (टाइम्स हायर एजुकेशन अथवा क्यू-एस रैंकिंग के आधार पर) में एक वर्ष तक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा।

अपने शैक्षणिक कॅरियर में सीमित अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाले युवा शिक्षक इस योजना का लाभ ले सकेंगे। चयनित शिक्षकों को अध्येतावृत्ति के रूप में 3000 अमेरिकी डॉलर की मासिक राशि तथा यात्रा व्यय की राशि प्राप्त होगी।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि यह योजना विश्वविद्यालय के सदस्यों के लिए उन्नति व उत्कृष्टता के नए अवसर उत्पन्न करने की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का परिणाम है। उन्होंने कहा, हम अपने शिक्षकों की उन्नति व विकास सुनिश्चित कर प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थानों के साथ साझेदारी को आगे ले जाने तथा अपनी वैश्विक पंहुच व उपस्थिति बढ़ाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।

आईओई-बीएचयू के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक पद्धतियों से रूबरू होने का बहुमूल्य अवसर प्रदान करने के साथ साथ शिक्षण व अनुसंधान की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की क्षमता में उन्नयन करेगी।

उन्होंने कहा कि दुनिया के शीर्ष 500 संस्थानों में अपनाई जा रही उत्तम पद्धतियों को अपने कामकाज में अपनाने का अवसर उपलब्ध होने से विकास व उत्कृष्टता के बीएचयू के प्रयासों को नई तेज़ी भी मिलेगी। नई शिक्षा नीति 2020 भी भारतीय उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने पर बल देती है। इस दिशा में भारतीय संस्थानों एवं अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के बीच अधिक सहयोगात्मक शैक्षिक व शोध गतिविधियां तथा आदान प्रदान में तेज़ी लाना शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

   

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