पेपर मिल को चलाने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई: उद्योग मंत्री

-विस में बंद पड़े दो सरकारी पेपर मिलों पर चर्चा

गुवाहाटी, 09 फरवरी (हि.स.)। असम सरकार के उद्योग मंत्री बिमल बोरा ने आज सदन को बताया कि असम स्टेट इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन (एआईडीसी) ने 16 नवंबर, 2022 को कछार पेपर मिल के पुनर्निर्माण के लिए एक निविदा जारी की थी, लेकिन किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। सरकार इस दिशा में कोशिश कर रही है लेकिन, अब तक इस पर कोई निवेश करने को तैयार नहीं है। वर्तमान में, सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक अनुकूल नीति अपनाई है।

विभागीय मंत्री आज कांग्रेस विधायक भास्कर ज्योति बरुवा द्वारा असम विधानसभा के चालू बजट सत्र के पांचवें दिन राज्य में बंद पड़े सरकारी पेपर मिलों से संबंधित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। विधायक ने सवाल उठाया कि असम के जागीरोड में स्थित नगांव पेपर मिल और पांचग्राम में स्थित कछार पेपर मिल- दोनों पेपर मिलें बंद हो गईं। नतीजतन, आज राज्य को बाहर से कागज खरीदना पड़ रहा है। राज्य में पेपर मिल उद्योग क्यों नहीं है? विधायक ने यह भी कहा कि कम-से-कम मिनी पेपर मिलें प्रदेश में स्थापित किये जाने चाहिए।

विधायक द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए राज्य के उद्योग मंत्री बिमल बोरा ने कहा कि दोनों पेपर मिलें हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधीन थीं।

2015 में जगीरोड में नगांव पेपर मिल और 2017 में कछार पेपर मिल बंद हो गई। बाद में दोनों फैक्ट्रियां बंद हो गईं, जिससे दोनों फैक्ट्रियों के श्रमिकों में निराशा का माहौल पैदा हो गया। बाद में हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने मामले को समझौते के लिए एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के पास भेज दिया। इसके बाद, 8 मार्च, 2022 को राज्य सरकार ने एआईडीसी (असम औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड) के तहत दो कारखानों को खरीदा और दोनों कारखानों के कर्मचारियों के लिए 798.75 करोड़ रुपये मंजूर किए। सरकार ने दोनों फैक्ट्रियों के 83 कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रख लिया है।

मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि देश में कुल 500 पेपर मिलें हैं और वे 70 लाख टन कागज का उत्पादन करती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/आलोक /श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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