मैत्री क्रिकेट मैच में शिक्षकों ने शिष्यों को हराया

हरिद्वार, 10 फ़रवरी (हि.स.)। मित्रवत व्यवहार गुरु-शिष्य सम्बंध का आधार है। जीवन की सरल तथा जटिल दोनों स्थिति में गुरु दीक्षा शिष्य को सबलता प्रदान करती है। पूर्ण दक्ष शिष्य इसी दीक्षा से पारंगत एवं निपुणता प्राप्त करता है। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग, गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के दयानंद स्टेडियम प्रांगण में गुरु-शिष्य के मध्य मैत्री क्रिकेट मैच खेला गया। मैच का शुभारम्भ योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के डीन प्रो. सुरेन्द्र कुमार द्वारा टॉस तथा शॉट लगाकर किया गया।

कार्यक्रम की महत्ता बताते हुये प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि मैत्रीय सम्बंध की मजबूती आपसी ताल-मेल पर निर्भर करती है। मित्रता को प्रगाढ़ एवं मधुर बनाये रखने के लिए इस प्रकार के आयोजन जरूरी है। शिक्षण संस्थाओं मे यह व्यवहार राष्ट्र निर्माण मे अधिक प्रभावी एवं सशक्त माध्यम है। प्रभारी, शारीरिक शिक्षा डॉ. अजय मलिक ने कहा कि बदलते परिवेश में गुरु-शिष्य के सम्बंध में भी बदलाव देखने को मिलते है। एसोसिएट र्प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने तनाव समाधान एवं शैक्षिक दबाव कम करने के लिए मैत्रीय सम्बंध को बढ़ाने पर बल दिया।

मैत्रीय क्रिकेट मैच में टॉस जीतकर शिक्षक टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लेते हुए निर्धारित 12 ओवर में आल आउट होकर 115 रनों का स्कोर बनाया। जवाब मंे विद्यार्थी वर्ग की टीम 12 ओवर मे 6 विकेट पर 110 रन ही बना पाई। शिक्षक वर्ग की ओर से डॉ. अजय मलिक तथा मुनेश की जोडी ने सर्वाधिक 42 रन जोड़े। दूसरी ओर विद्यार्थी वर्ग की ओर से सर्वाधिक 45 रन का योगदान गोविन्द का रहा।

मैदान को व्यवस्थित, मार्किंग तथा अम्पायर की भूमिका में शिक्षकेत्तर वर्ग ने सहयोग किया। टीम में डॉ. कपिल मिश्रा, डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, दुष्यंत राणा, सुरेन्द्र सिंह, कुलदीप, मुनेश, राजेन्द्र सिंह, विशाल सम्मिलित रहे।

विद्यार्थी टीम में विशाल लखेडा, अजित कुमार, कमल सिंह, हर्षित अरोडा, रवि नेगी, वंश शर्मा, भरत रावत, संतोष थपलियाल, संजय रावत, सुभाष उनियाल, गौतम चौहान, विकास, अभिषेक, धीरज बिष्ट आदि सम्मिलित रहे। स्कोरर की भूमिका रक्षित चौहान ने निभाई। विजेता तथा उप विजेता टीम को रिफ्रेशमेंट और पुरस्कार प्रदान किये गये।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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