अच्छे काम के दम पर ही आप फिल्म इंडस्ट्री में टिकते हैं: करण सिंह ग्रोवर

नब्बे के दशक में मशहूर हिंदी टीवी सीरियल 'दिल मिल गए' से घर-घर में मशहूर हुए अभिनेता करण सिंह ग्रोवर ने सात साल के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया है। अभिनेत्री बिपाशा बसु से शादी और उसके बाद बेटी देवी के जन्म के बाद वह उसकी बीमारी के कारण काम से दूर थे। अब करण ने फिल्म 'फाइटर' से दमदार डेब्यू किया है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'फाइटर' में करण के स्क्वाड्रन लीडर सरताज गिल के किरदार को काफी सराहा जा रहा है। करण ने मीडिया से फिल्म और अपनी निजी जिंदगी के बारे में खुलकर बातचीत की।

सिद्धार्थ आनंद की 'फाइटर' में करण ने स्क्वाड्रन लीडर सरताज गिल के किरदार के अलग-अलग पहलू हैं। यह फिल्म उस घटना पर आधारित है कि कैसे भारतीय सेना ने एयरस्ट्राइक में पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को मार गिराया था। यह हवाई एक्शन दृश्यों वाली भारत की पहली फिल्म है। फिल्म में हवाई हमले के दृश्यों को वास्तविक रूप से फिल्माया गया है। पहले आसमान में ऐसे एक्शन दृश्यों के लिए वीएफएक्स का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था। इसलिए इस फिल्म की तैयारी करना एक्टर्स के लिए उतना ही मुश्किल था और इस फिल्म में उन्हें ऋतिक रोशन, दीपिका पादुकोण, अनिल कपूर जैसे मशहूर एक्टर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना था। करण ने कहा कि 'फाइटर' की शूटिंग का अनुभव किसी भी अन्य फिल्म से अलग था।

उन्होंने बताया कि उन्हें कैसे इस फिल्म के लिए चुना गया था। 24 फरवरी 2022 को मुझे फिल्म 'फाइटर' के डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद की पत्नी ममता आनंद का फोन आया। उन्होंने मुझसे कहा, कि हम एक फिल्म बना रहे हैं और हम चाहते हैं कि आप इस फिल्म का हिस्सा बनें। उसके इतना कहने पर मैंने तुरंत उसे अपनी सहमति दे दी। मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा कि आप मुझे तारीख और समय बता दीजिए कि आप शूटिंग कब शुरू कर रहे हैं, मैं उस समय सेट पर आऊंगा। इस तरह मैं इस फिल्म का हिस्सा बन गया।

स्क्वाड्रन लीडर गिल की भूमिका से आपने क्या सीखा

इस बारे में करण ने कहा कि इस फिल्म में स्क्वाड्रन लीडर सरताज गिल का किरदार निभाने के लिए मुझे खुद पर काफी मेहनत करनी पड़ी। मुझे अपनी ट्रेनिंग में बहुत कुछ बदलना पड़ा। सरताज का किरदार निभाने के लिए मुझे शारीरिक मेहनत के साथ-साथ अपना स्वभाव भी बदलना पड़ा। सरताज एक ऐसा व्यक्ति है, जो मानता है कि वह जो देखता है, वह सच है। हालांकि वह एक मेहनती व्यक्ति है, फिर भी वह अपना जीवन पूरे दिल से जीता है और अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता है। वह देश के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। वह अपनी जान की परवाह किये बिना संकट का सामना करता है। इसलिए मुझे ख़ुशी है कि मैं उनके व्यक्तित्व की कई छोटी-छोटी बातें जैसे देशभक्ति, प्यार करने वाला इंसान, उन्हें पर्दे पर उतार सका।

करण ने कहाकि 'फाइटर' में उन्होंने पहली बार दीपिका, रितिक और अनिल कपूर के साथ काम किया है। यह एक अच्छा अनुभव था। हमने सेट पर खूब मस्ती की। सबसे बड़ी बात जो मैंने उनसे सीखी, वो ये कि चाहे कितना भी हंगामा चल रहा हो, सेट पर अनुशासन जरूर होना चाहिए। करण ने कहा कि मुझे उनकी कहानी बहुत पसंद आई।

टीवी सीरियल 'दिल मिल गए' केअरमान मलिक से लेकर 'फाइटर' के सरताज गिल तक के अपने सफर के बारे में करण कहते हैं कि, ''मैंने अब तक निभाए अपने हर किरदार से बहुत कुछ सीखा है। अरमान से लेकर सरताज तक, मेरी हर भूमिका ने मुझे एक नई अच्छी आदत दी है और मेरे हर काम को दर्शकों और मेरे प्रशंसकों ने पसंद किया है। एक कलाकार के लिए इससे सुखद अनुभव क्या हो सकता है?''

फिल्म 'फाइटर' की शूटिंग का अनुभव भी थोड़ा कष्टदायक था। इसी दौरान बेटी की तबीयत बिगड़ गई। करण कहते हैं, उस वक्त फिल्म के डायरेक्टर ने मुझे काफी सपोर्ट किया। उसी समय मेरी बेटी की बीमारी का पता चला। ऐसे समय में उससे दूर रहकर काम करना बहुत मुश्किल था। उसी समय उनके इलाज की दिशा भी तय हो गई। उस समय मेरे निर्देशक और सह-कलाकारों ने मेरा बहुत ख्याल रखा। उस वक्त करण ने कहा था, 'उस वक्त मैंने अपनी निजी जिंदगी में चल रहे टकराव को अपनी प्रोफेशनल जिंदगी से दूर रखते हुए पूरे दिल से एक किरदार निभाने की कोशिश की।

करण ने कहा कि हिंदी सीरियल से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंचना और वहां काम पाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन एक कलाकार आख़िर कलाकार ही होता है। मैंने कभी भी भेदभाव का अनुभव नहीं किया है। आप अपने काम के दम पर ही इस क्षेत्र में टिके रह सकते हैं। आपको यह देखने का अवसर मिलता है कि आपका काम कैसा चल रहा है। इसलिए हिंदी धारावाहिकों में काम करने के बाद जब मैं हिंदी सिनेमा में आया तो मेरे साथ कभी भेदभाव नहीं हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार/ लोकेश चंद्रा/सुनील

   

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