राममंदिर को लेकर सवाल उठाने पर असम विधानसभा में गूंजे जय श्री राम के नारे

विधानसभा के बजट सत्र में एआईयूडीएफ के इस्लाम के वक्तव्य पर हंगामा

विधायक इस्लाम के विवादास्पद शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया

गुवाहाटी, 13 फरवरी (हि.स.)। असम विधानसभा में उस समय जय श्री राम के नारे गूंजने लगे जब ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक अमीनुल इस्लाम सीनियर ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सवाल उठाए।

असम विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन मंगलवार को एआईयूडीएफ के सदस्य अमीनुल इस्लाम सीनियर सदन में चर्चा के दौरान बोल रहे थे। अयोध्या के रामलला के मंदिर और उसकी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विधायक इस्लाम ने कहा कि अयोध्या में श्री राम से जुड़े ऐसे कई मंदिर हैं, जिनका निर्माण तत्कालीन अयोध्या के बादशाह हुसैन अली खान ने करवाए थे। इस्लाम ने कहा कि जिस श्री राम मंदिर को लेकर 500 वर्ष की बातें कही जाती हैं, असल में वहां राम का जन्म हुआ था, इसको लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं है।

विधायक इस्लाम के इस वक्तव्य के बाद सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अपने स्थानों पर उठकर जोर-जोर से जय श्री राम का नारा लगाना शुरू कर दिया। जिससे सदन में एक बार उत्तेजक माहौल बन गया। अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के सदस्यों को शांत कराकर विधायक इस्लाम से बयान को वापस लेने को कहा। क्योंकि, यह वक्तव्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सवालिया निशान लगाता है। इस पर सदन में काफी देर तक माहौल गर्म रहा। इस्लाम के वक्तव्य से आखिरकार विवादास्पद शब्दों को हटा दिया गया।

सदन में एआईयूडीएफ के सदस्य इस्लाम ने कहा कि वह असम की जनता को बताना चाहते हैं कि देश के 264 मंदिरों को भूमि हस्तांतरण करने का फरमान औरंगजेब के समय में जारी किया गया था। इस पर भी सत्तापक्ष भाजपा के विधायक शोर मचाने लगे। विधायक इस्लाम ने इस बजट को अयोध्यायोनुमुखी करार देते हुए कहा कि असम सरकार उत्तर प्रदेश की सरकार योगी आदित्यनाथ के नक्शे कदम पर चलते हुए बजट बनाने की कोशिश की गई है।

उन्होंने कहा कि इस बजट में मुख्यमंत्री के भाषण के संकलन पर रुपये खर्च करने की बात कही गई है। यह भाजपा के प्रचार का भाषण है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और अकाल की वजह से भूमिहीन हुए लोगों के पुनर्वास को लेकर इस बजट में कोई चर्चा ही नहीं की गई है। सरकार ने पांच हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की बात जरूर कही है। उन्होंने कहा कि छह जनजातियों को जनजाति का दर्जा देने को लेकर भी इसमें कोई बात नहीं की गई है। सरकार ने कीर्तन वंदन की उपेक्षा करके सिर्फ राम नाम को आगे बढ़ाया है।

अमीनुल इस्लाम ने कहा कि सरकार ने बजट में गरीबों को और अधिक गरीब बनाने के लिए कार्य किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा में असम में 50 फ़ीसदी धन भी खर्च नहीं किए गए। अपने संबोधन में जहां अमीनुल इस्लाम ने सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं राम और कृष्णा भक्तों के बीच में एक गहरा मतभेद पैदा करने की भी कोशिशें की।

हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद/सुनील

   

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