संशोधित: नक्सलियों के बटालियन हेड क्वार्टर हिड़मा के गांव पुर्वर्ती में खोला गया कैंप

 पुर्वर्ती कैंप

सुकमा पुलिस के इतिहास में अब तक का सबसे खतरनाक इलाके में खोला गया है कैंप

सुकमा, 17 फरवरी(हि.स.)। जिले का सरहदी ग्राम पुर्वर्ती 25 लाख के इनामी नक्सली हिड़मा का गांव है, जहां नक्सलियों के पूर्वती बटालियन का हेड क्वार्टर है। उस इलाके में जवान तो क्या आम आदमी भी जाने से डरता था। टेकलगुड़ा हमले का मास्टरमाइंड देवा जिस पर 10 लाख का इनाम घोषित है वो भी इसी गांव का है। यहां नक्सलियों की सरकार चलती थी, लेकिन जवानों ने ना सिर्फ यहां तक पहुंच बनाई बल्कि नया कैंप भी स्थापित कर दिया है। सुकमा पुलिस के इतिहास में अब तक का सबसे खतरनाक इलाके में कैंप खोला गया है। इस दौरान सुकमा एसपी किरण चव्हाण स्वयं मौके पर मौजूद रहे। पुवर्ती में कैंप खोलने के बाद जवानों ने नक्सलियों के खेत जहां उनके द्वारा की गई खेती की पहली तस्वीर सामने आई है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस कैंप की स्थापना के साथ अब इलाके का विकास कार्य संभव होगा।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पुर्वर्ती में शुक्रवार सुबह जवानों ने कैंम्प खोलना शुरू किया। तब नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन की मौजूदगी आस-पास 05 किमी के दायरे में मिल रही थी। सुरक्षा बल के जवान भी पूरी तैयारी में यहां पहुंचे हैं। इस कैंम्प के लिए सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी, बस्तर फाइटर के जवान दो आइपीएस एसपी व एएसपी, डीआइजी सीआरपीएफ, कई डीएसपी के नेतृत्व एवं मौजूदगी में पुर्वर्ती कैंप खोला गया, शनिवार सुबह जब जवान वहां पहुंचे तो नक्सलियों ने हमला करने की कोशिश की लेकिन जवानों की जवाबी कार्रवाई के चलते नक्सली मौके से भाग गए। टेकिलगुडियम में कैंप स्थापित करने के दौरान हुए हमले के बाद पुलिस-फोर्स नई आक्रमक रणनीति अपनाते हुए ग्राम पुर्वर्ती में कैंप खोल दिया है।

सिलगेर कैंप के बाद उस इलाके में 30 जनवरी को टेकलगुड़ा कैंप खोला गया था, जिस पर नक्सलियों ने हमला किया और तीन जवान बलिदान हुए। दरअसल यह इलाके घोर नक्सल प्रभावित है और बीजापुर की सीमा से लगा हुआ है। यहां बीते कई दशकों से नक्सलियों का कब्जा रहा है। नक्सलियों की जनताना सरकार इसी इलाके से संचालित की जाती है। पूर्वर्ती गांव सिलगेर से करीब 20 किमी दूर है, नक्सलियों के बड़े लीडर हिड़मा व देवा इसी गांव के रहने वाले है। यहां जाने की हिम्मत ना तो जवानों में थी और ना ही आम आदमी में लेकिन अब वहां पर नया कैंप खोल दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि पूर्वती गांव का रहने वाला हिड़मा 25 से ज्यादा हमलों में शामिल रहा है, वर्ष 2001 से नक्सल संगठन में काम कर रहा है। कई पदों पर काम कर चुका हिड़मा बटालियन की कमान संभाल चुका है। जिसमे ताड़मेटला हमला जिसमे 76 जवान बलिदान हुए थे। बुर्कापाल जिसमे 24 जवान बलिदान हुए थे, ऐसी कई घटनाओ को अंजाम दे चुका है। उस पर 25 लाख का इनाम घोषित है। वहीं बारसे देवा भी इसी गांव का है, बारसे देवा ने हाल ही 30 जनवरी को टेकलगुडियम में हमला किया था, उसमें तीन जवान बलिदान हुए थे। बारसे देवा झीरम जैसी घटनाओं में शामिल रहा है। वर्तमान में नक्सलियों के बटालियन की कमान देवा के हाथ मे है।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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