मुख्यमंत्री भजनलाल सोमवार को जाडन के ओम आश्रम पहुंचेंगे

पाली, 18 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को पाली आएंगे। वे जाडन के ओम आश्रम में आयोजित ओमकार शिव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे। उनके साथ ही कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत सहित कई जनप्रतिनिधि और संत भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।

मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर पुलिस-प्रशासन तैयारियों में जुटा है। संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह ने शनिवार शाम को जाडन आश्रम का दौरा किया। रविवार को उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों की बैठक ली और मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। पाली के गर्ल्स कॉलेज में मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर उतरेगा। ऐसे में यहां रविवार को हेलिपैड बनाने का काम किया गया। इसके साथ ही सर्किट हाऊस में भी कुछ देर मुख्यमंत्री के रुकने का प्रोग्राम है। ऐसे में वहां भी टेंट लगाने का कार्य किया गया। निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार सुबह 11:15 बजे हेलिकॉप्टर द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जयपुर से रवाना होंगे। वे 12:30 बजे जाडन स्थित ओम आश्रम पहुचेंगे। जहां वे मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे। बाद में मुख्यमंत्री शर्मा दोपहर 1:45 बजे जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेंगे। दोपहर 2:45 बजे स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे और शाम 4:15 बजे हेलिकॉप्टर द्वारा जयपुर के लिए रवाना होंगे।

ओम अपने आप में एक मंत्र है। किसी मंत्र या ग्रंथ में इसको शामिल करने से उसका महत्व बढ़ जाता है। वहीं अब इस आकार की तर्ज पर विश्व का पहला मंदिर हाल ही में राजस्थान के पाली जिले में बनकर तैयार हुआ है, जिसके बारे में चारों तरफ चर्चा है। 1995 से बन रहे इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 28 साल बाद 19 फरवरी 2024 में होगी, जिसका इंतजार हर शिव भक्तों को है। हालांकि इस मंदिर का लोकार्पण 10 फरवरी को किया गया था, जिसमें शिव पुराण की कथा रखी गई थी। इस शुभता के प्रतीक को लोग दूर- दूर से देखने के लिए राजस्थान में पहुंच रहे हैं। ओम आकार का यह मंदिर 270 एकड़ में बना है और इस मंदिर की नींव साल 1995 में रखी गई थी। मंदिर में भगवान शिव की 1008 मूर्तियां हैं, जिनमें 12 ज्योतिर्लिंग शामिल हैं। 1200 स्तंभों पर आधारित 135 फीट लंबे इस मंदिर में 108 कमरे हैं और परिसर के केंद्र में गुरु माधवानंद की समाधि बनी हुई है।

ओम आकार का यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसमें उनसे जुड़ी पौराणिक कथाओं के साथ उनके स्वरूपों का एक साथ दर्शन होगा, जो बेहद दुर्लभ और शुभ माना जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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