इंदौर : पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर युवाओं का प्रदर्शन, घेरा कलेक्ट्रेट

भोपाल, 19 फरवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ी को लेकर उअभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया है। मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सोमवार को सैकड़ों युवाओं ने इंदौर में जोरदार प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर दिया। इस दौरान प्रदर्शन करने वाले युवाओं ने भीड़ के बीच कुछ प्रवेश पत्रों की प्रतियों को भी लहराया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और सरकार इसे दबाना चाह रही है। युवाओं ने इस मामले को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच की मांग की है।

इंदौर में सोमवार को कम से कम साढ़े तीन सौ युवा पटवारी भर्ती के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए स्थानीय कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाईयू) की अगुवाई में पहुंचे युवाओं को कलेक्टर कार्यालय से पहले ही सड़क पर बेरिकेड लगाकर पुलिस ने रोक लिया। करीब दो घंटे तक सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते हुए युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुई पटवारी भर्ती परीक्षा में तमाम गड़बड़ियां हुई थी। इस पर शोर मचा और कई सबूत सामने आए तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने एक पूर्व जज को जांच सौंपी थी। अब सरकार 25 फरवरी से इस चयन परीक्षा से चुने उम्मीदवारों को नियुक्ति दे रही है।

उन्होंने कहा कि बिना जांच रिपोर्ट सार्वजनिक किए नियुक्तियों की हड़बड़ी जाहिर कर रही है कि सरकार धांधली को दबाना चाहती है। युवाओं ने मांग रखी कि एसआईटी बनाकर भर्ती प्रक्रिया की पूरी जांच हो। चीफ जस्टिस मप्र के साथ इसमें तकनीकी विशेषज्ञ भी रखे जाएं, क्योंकि पूरी परीक्षा ऑनलाइन हुई थी। प्रदर्शन के बाद युवाओं ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें पटवारी भर्ती से जुड़ी मांगों के साथ अन्य मांगे भी रखी गई।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यहां कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें पटवारी भर्ती परीक्षा में एक-दो नंबरों से बाहर कर दिया गया। ये इसलिए हुए, क्योंकि भ्रष्टाचार कर अयोग्यों को चयनित किया गया। परीक्षा के बाद ही सामने आ गया था कि कई मेरिट होल्डरों को सामान्य ज्ञान तक नहीं है और वे पैसे देकर चयन होने की बात कैमरे पर स्वीकार कर चुके हैं। ज्ञापन के बाद सरकार को दो दिन का समय दिया है। इसके बाद मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदेशभर के छात्र भोपाल पहुंचेंगे और अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे।

युवाओं की मांगें हैं कि सब इंस्पेक्टर के 2000 पदों पर भर्ती हो। एमपीईएसबी (व्यापमं) द्वारा मंडी इंस्पेक्टर, लेबर इंस्पेक्टर, महिला पर्यवेक्षक व अन्य भर्तियों के लिए कैलेंडर जारी किया जाए। केंद्र के नकल विरोधी कानून को तत्काल प्रभाव से लागू कर पटवारी परीक्षा में भी उसी अनुसार कार्रवाई हो। व्यापमं की ऑनलाइन परीक्षाएं राष्ट्रीय स्तर की आईटी कंपनियों को दी जाए। रुके हुए परीक्षा परिणाम जारी हो। मप्र पीएससी की राज्यसेवा परीक्षा 2024 में पद बढ़ाकर 500 किए जाए। राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2023 में 90 दिन का समय दिया जाए। ओबीसी आरक्षण विवाद हल कर 87:13:13 के फार्मूले से की जा रही भर्तियां बंद हो शत प्रतिशत पदों पर भर्ती हो। प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 में काउंसलिंग में भाग ले चुके3300 लोगों को नियुक्तियां दी जाए।

गौरतलब है कि कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा पटवारी भर्ती परीक्षा-2022 का अंतिम परिणाम रविवार देर शाम जारी किया था। परिणाम कर्मचारी चयन मण्डल की वेबसाइट https://esb.mp.gov.in पर उपलब्ध है। इस परीक्षा के संबंध में चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग अभ्यर्थी को आवंटित जिले में 24 फरवरी, 2024 को आयोजित की जाएगी। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने बताया कि काउंसलिंग संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश एमपी ऑनलाइन के पोर्टल https://prc.mponline.gov.in पर उपलब्ध हैं। इस लिंक पर जाकर अभ्यर्थी अपना प्रोफाइल क्रियेट कर अपने दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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