बंदरगाह परियोजना के खिलाफ मछुआरों और आदिवासियों ने हाइवे पर रोका यातायात

दहानू तालुका के वाढ़वन में प्रस्तावित केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट वाढ़वन बंदरगाह परियोजना को लेकर सरकार और मछुआरे- आदिवासी अब आमने सामने है।

गुरुवार को हजारों लोग मुंबई अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतर आए और चारोटी नाके पर ढाई घंटे यातायात ठप रखा। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों में इस बंदरगाह परियोजना के प्रति भीषण आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने दौरान कहा कि वे किसी भी हाल में वाढ़वन में बंदरगाह को नहीं बनने देना चाहते हैं। लोग लगातार सरकार से इस परियोजना को रद्द करने की मांग कर रहे है। मछुआरे और आदिवासी बंदरगाह परियोजना को विनाशकारी बता उसका बीते कई वर्षो से विरोध करते आ रहे है।

बंदरगाह का विरोध कर मछुआरों का कहना है, कि बंदरगाह परियोजना को पूरा करने के करीब 1448 हेक्टेयर में पत्थर और मिट्टी से भराव किया जाएगा। जिससे पर्यावरण के लिए गंभीर संकट खड़ा हो जायेगा। और करीब पांच लाख लोगों के रोजगार पर भी संकट खड़ा हो जायेगा।

20 ज्यादा संगठनों के हाईवे पर काला झंडा लिए उतरे हजारों लोग

बंदरगाह के विरोध में हजारों लोग हाईवे पर यातायात रोकने उतरे।

जिनमे बड़ी संख्या में महिलाए भी शामिल थी। विरोध कर रहे लोग हाथ में काल झंडा लिए जमकर सरकार और बंदरगाह के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। वाढवण बंदर विरोधी संघर्ष समिती, वाढवण बंदर विरोधी युवा संघर्ष समिती , महाराष्ट्र मच्छिमार कृती समिती, नॅशनल फिश वर्क फोरम, ठाणे जिल्हा मध्यवर्ती समाज संघ, ठाणे जिल्हा मच्छीमार समाज संघ, अखिल महाराष्ट्र मच्छिमार कृती समिती, समुद्र बचाव मंच, समुद्रकन्या मंच सातपाटी, कष्टकरी संघटना, भूमी सेना व आदिवासी एकता परिषद व अन्य समस्त बंदरगाह विरोधी संघटन ने मिलकर बंदरगाह परियोजना के विरोध में करीब तीन घंटे हाइवे रोक कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

इस दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े इसके लिए बड़ी संख्या पुलिसकर्मी तैनात रहे।

हिंदुस्थान समाचार/योगेंद्र

   

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