मेडिकल कॉलेज के एपीओ किए गए प्रिंसिपल व अधीक्षक को किया बहाल

जोधपुर, 23 फरवरी (हि.स.)। मथुरादास माथुर अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के चलते एक मरीज की मौत के मामले में पदस्थापन की प्रतीक्षा में किए गए तत्कालीन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और एमडीएम अस्पताल अधीक्षक को बहाल किया गया है।

पूर्व में मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल रहे डॉ. दिलीप कच्छवाहा और एमडीएम अस्पताल अधीक्षक रहे डॉ. विकास राजपुरोहित को डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में लगाया गया है। दरअसल गत 11 जनवरी की शाम को ओसियां के पली निवासी गोपाल भाटी को लंग्स कैंसर की परेशानी के चलते एमडीएम के ट्रोमा सेंटर के रेडजोन वार्ड में वेंटिलेटर पर रखा गया था। अगले दिन सुबह चार बजे के करीब लाइट जाने के बाद वेंटिलेटर बंद हो गया था और मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई थी। मरीज के परिजनों ने उस समय एक वीडियो भी बनाया था जिसमें लाइट गई हुई थी और वेंटिलेटर भी बंद था। इसके साथ ही मौके पर हॉस्पिटल की एक महिला नर्स स्टॉफ ही नजर आई थी। परिजनों ने इस संबंध में हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही की शिकायत भी दर्ज करवाई थी। मरीज की मौत के दूसरे दिन 13 जनवरी को चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का जोधपुर में दौरा था। मंत्री के सामने यह मामला आते ही प्रबंधन की ओर से आनन-फानन में सीमएओ डॉ. कुलदीप, नर्सेज ओमाराम व मनीषा को एपीओ कर दिया गया था। मामले में मंत्री खींवसर ने एडीएम और अन्य अधिकारियों की भी जांच करने के लिए कहा था। मामले को लेकर मेडिकल एजुकेशन ग्रुप 1 के सीएस इकबाल खान ने 18 जनवरी को प्रिंसिपल कच्छवाह व अधीक्षक राजपुरोहित को एपीओ करने के आदेश जारी किए थे। उनकी जगह एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के पद पर डॉ. रंजना देसाई व एमडीएम अधीक्षक के पद पर डॉ. नवीन किशोरिया को लगाया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

   

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