नये कृषि अनुसंधानों एवं प्रौद्योगिकी को किसानों तक पहुंचाने में किसान मेलों की अहम भूमिका : डॉ. चंदेल

कृषि महाविद्यालय रायपुर परिसर में आयोजित चार दिवसीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ।

कृषि विश्वविद्यालय में चार दिवसीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ

रायपुर, 23 फ़रवरी (हि.स.)। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने शुक्रवार को कृषि महाविद्यालय रायपुर परिसर में आयोजित चार दिवसीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तकनीकी मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ शासन के कृषि एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से आयोजित इस किसान मेले एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन 26 फरवरी, 2024 तक किया जाएगा।

इस किसान मेले में कृषि एवं किसानों के लिये उपयोगी कृषि संबंधी नवीन अनुसंधान प्रौद्योगिकी तथा नवाचारों पर आधारित कृषि यंत्रों, उपकरणों, सामग्री तथा तकनीकी को प्रदर्शित करने हेतु देश-विदेश की 100 से अधिक कम्पनियों द्वारा स्टॉल लगाये गये हैं जहां इनका विक्रय भी किया जा रहा है। प्रदर्शनी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे नवीन कृषि अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, विकास एवं विस्तार कार्यां को प्रदर्शित किया जा रहा है। विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषि पाठशाला के माध्यम से किसानों को कृषि के नवीन अनुसंधानों एवं कृषि प्रौद्योगिकी से अवगत कराया जा रहा है। शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. चंदेल ने कहा कि नये कृषि अनुसंधानों तथा नई प्रौद्योगिकी को किसानों तक पहुंचाने में किसान मेलों की अहम भूमिका होती है।

समारोह में कुलपति डॉ. चंदेल द्वारा कृषि विश्वविद्यालय प्रकाशित न्यूज लेटर ‘‘आईजीकेवी वार्ता’’ का विमोचन किया गया। इस त्रैमासिक द्विभाषी न्यूज लेटर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों को हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सब्जी गृह वाटिका किट एवं सब्जी गृह वाटिका बॉक्स का लोकार्पण भी किया। गृह पोषण वाटिका के अंतर्गत विकसित सब्जी गृह वाटिका बॉक्स में शहरी क्षेत्रों में घरों की छत पर सब्जी उगाने हेतु आवश्यक सभी सामग्री जैसे प्लास्टिक ग्रो बैग, बीज, जैविक खाद, जैविक रोगनाशी, जैविक कीटनाशी, वर्मिकम्पोस्ट तथा इनके उत्पादन की तकनीक शामिल की गई हैं, जिससे लोग आसानी से अपने घरों पर ही ताजी एवं स्वादिष्ट सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं।

इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव जीके निर्माम, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. अजय वर्मा, संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एसएस टुटेजा, निदेशक शिक्षण डॉ. एस.एस. सेंगर, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, रायपुर डॉ. जीके दास, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर डॉ. विनय पाण्डेय, अधिष्ठात खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर डॉ. एके दवे सहित विभिन्न विभागाध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक तथा बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

   

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