स्कूल में नमाज पढ़ने का दबाव बनाने वाले टीचर निलंबित

कोटा, 23 फ़रवरी (हि.स.)। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सरकारी स्कूल में बच्चों पर नमाज पढ़ने का दबाव बनाने वाले दो टीचर को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि ये टीचर किसी प्रतिबंधित संगठन से जुड़े हैं। दोनों के निलंबन का आदेश गुरुवार रात को निकाला गया था। मामला कोटा के सांगोद-कनवास का है। स्थानीय लोगों ने 20 फरवरी को शिक्षा मंत्री को ज्ञापन के माध्यम से बताया था कि सांगोद थाना क्षेत्र के खजूरी ओदपुर गांव में सरकारी स्कूल है। इस स्कूल के तीन टीचर शबाना, फिरोज खान और मिर्जा मुजाहिद बच्चों पर नमाज पढ़ने का दबाव बनाते हैं। मना करने पर भविष्य खराब करने की धमकी दी जाती है। मामले में शिक्षा विभाग ने एक्शन लेते हुए गुरुवार 22 फरवरी को फिरोज खान और मिर्जा मुजाहिद को निलंबित करने का आदेश जारी किया।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्कूल में धर्मांतरण, एक छात्रा के धर्म को बदलकर लिखने और स्टूडेंट्स को जबरन नमाज पढ़वाने की शिकायत मिली थी। मामले में दो टीचरों को निलंबित कर दिया है। एक महिला टीचर पर भी कार्रवाई की जा रही है। तीनों को बीकानेर मुख्यालय में उपस्थिति के निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के मंदिर बच्चों के भविष्य निर्माण के केंद्र होने चाहिए, धर्मांतरण की प्रयोगशाला नहीं। हम राजस्थान के स्कूलों को धर्मांतरण का अड्डा नहीं बनने देंगे। मंत्री ने कहा कि जांच की जाएगी और यदि दोषी पाए गए तो बर्खास्त करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

भाजपा नेता आनंद गर्ग की ओर से बारां में गुरुवार को शिक्षा मंत्री का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। समारोह में मंत्री ने कहा कि जयपुर में शिक्षा विभाग में तीन हजार लोग ऐसे ही बैठे हुए हैं। वे कोई काम नहीं कर रहे हैं। वहीं गांवों में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां 500-500 विद्यार्थियों पर केवल दो टीचर हैं। टीचर अपेक्षा करते हैं कि उन्हें गांव से शहर में लगा दिया जाए। मैं शिक्षा मंत्री बना हूं तो छात्रों के हित के लिए बना हूं। कोई अगर यह उम्मीद करे कि गांव से टीचर को शहर में लगा दिया जाएगा तो माफ करना, मेरे लिए पहले छात्रों का हित है। मेरा कोई खास भी होगा तो भी छात्रों का हित पहले देखा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि निचले कर्मचारी की गड़बड़ी का जिम्मेदार ऊपर तक का अधिकारी होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि कम पढे़-लिखे आदमी को सरकार ने शिक्षा और पंचायत विभाग दिया है। यह ज्यादा पढे़-लिखे लोगों का काम है कि शिक्षा विभाग चलाए। सरकार ने मुझे जिम्मेदारी दी है तो पूरी कोशिश करूंगा।

मदन दिलावर ने कहा कि मैंने देखा है कि टीचर 'पूजा या नमाज' के नाम पर स्कूल से दो-दो, चार-चार घंटे के लिए निकल जाते हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई में नुकसान होता है। 'पूजा-नमाज' के नाम पर गायब रहेंगे तो छुट्टी लेनी पडे़गी। अगर लगातार पुनरावृत्ति होगी तो निलंबित किया जाएगा। इसके बाद भी नहीं सुधरे तो सरकार के पास पाॅवर है। एक लिफाफा पकड़ा देंगे कि 'घर जाइए, आपकी नौकरी पूरी हो गई है।' कई टीचर सालों तक स्कूल में पढ़ाने नहीं जाते और सैलेरी उठाते हैं। उनसे सारी राशि ब्याज सहित वसूल करूंगा और इसके साथ ही बच्चों का कितना नुकसान हुआ है, उसका मूल्यांकन कर सारी राशि जोड़कर वसूल की जाएगी। ऐसा पहली बार राजस्थान में होगा।

उन्होंने स्कूलों या पंचायती राज विभाग में छात्राओं और महिलाओं से छेड़छाड़ की हरकत के दोषी कर्मचारी-अधिकारियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की बात भी दोहराई। दिलावर ने कहा कि इसके लिए सीएम ने निर्देश दिया है कि ऐसे लोगों को छोड़ना नहीं है। मंत्री ने कहा कि मैं तो गांव का आदमी हूं। अब किसी ग्राम विकास अधिकारी को पंचायत के निर्माण कामों में दोषी पाया गया तो बीडीओ तक के खिलाफ कार्रवाई होगी। कई अधिकारी ईमानदार हैं तो कुछ बेईमान भी होते हैं। नीचे से ऊपर तक कमीशन लेते हैं, जिससे काम की क्वालिटी हल्की हो जाती है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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