उप्र में एक लाख करोड़ से अधिक के रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स की हुई शुरुआत

लखनऊ, 24 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश अब परंपरागत ऊर्जा ही नहीं, बल्कि वैकल्पिक ऊर्जा यानी रिन्यूएबल एनर्जी में भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) के जरिए प्रदेश में एक लाख करोड़ से अधिक की रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी परियोजनाओं का भूमि पूजन हुआ है।

इन परियोजनाओं में सोनभद्र में ग्रीनको ग्रुप, चंदौली में एक्मे और प्रदेश के विभिन्न शहरों में रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां अपनी यूनिट्स के माध्यम से प्रदेश को रौशन करने जा रही हैं। मालूम हो कि 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से जीबीसी 4.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये की 14 हजार से अधिक परियोजनाओं का भूमि पूजन संपन्न हुआ था।

सोनभद्र, चंदौली, टाटा पावर ने किया निवेश

जिन परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया गया है, उनमें सबसे महत्वपूर्ण परियोजना ग्रीनको की है। ग्रीनको ग्रुप सोनभद्र में 17,181 करोड़ की लागत से पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया है। परियोजना की परिकल्पना 3660 मेगावाट/21960 मेगावाटएच भंडारण क्षमता के ऑफ-स्ट्रीम क्लोज्ड लूप पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (ओसीपीएसपी) के रूप में की गई है। इससे 300 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त एक्मे 9450 करोड़ की लागत से चंदौली में अपनी परियोजना शुरू कर रहा है, जिसमें 2500 रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी तरह रिलायंस ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, बाराबंकी, शाहजहांपुर, पीलीभीत और चंदौली में 675 करोड़ की लागत से रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में इन्वेस्टमेंट किया है। इस उद्यम के माध्यम से रिलायंस यूपी के अंदर 4000 से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करेगा। यही नहीं, टाटा पावर रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड पूरे उत्तर प्रदेश में 500 करोड़ की परियोजना शुरू कर रहा है, जिससे 5000 लोग रोजगार का लाभ उठाएंगे।

कई बड़ी कंपनियों ने की प्रोजेक्ट की शुरुआत

ग्रीनको, एक्मे, रिलायंस और टाटा पावर जैसे बड़े समूहों के अतिरिक्त कई अन्य बड़े नाम भी रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में यूपी को विकसित प्रदेश बनाने जा रहे हैं। इन नामों में अवादा वाटरबैट्री प्रा. लि., एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी प्रा. लि., एम्यूनरा इंफ्राटेक एंड एग्रीटेक प्रा. लि., नेवेली यूपी पावर लि., फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्राइवेट लि., एएमपी एनर्जी इंडिया, सनसोर्स एनर्जी, गेल इंडिया, एनर्बोस्टा सोलर सिस्टम प्रा.लि., एमप्लस सोलर शक्ति प्रा. लि., ग्रीनब्लूम एनर्जी प्रा. लि., रिलायंस इंडस्ट्रीज लि., जागेर रिन्यूएबल्स प्रा. लि. और पेक्स इंफ्रा जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। इनके माध्यम से प्रदेश में हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू हो रही हैं, जिससे हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही प्रदेश रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और पारंपरिक ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी।

मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों का असर

बता दें कि प्रदेश के विकास के साथ-साथ ऊर्जा की मांग में भी अनवरत बढ़ोतरी हो रही है। ऊर्जा के परम्परागत स्रोत सीमित होने तथा उनके दोहन से पर्यावरणीय प्रदूषण का भी खतरा बढ़ा है। ऐसे में योगी सरकार रिन्यूएबल एनर्जी को प्रोत्साहित कर रही है। रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी अधिक से अधिक परियोजनाएं प्रदेश में शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयासरत हैं। योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि रिन्यूएबल एनर्जी पर आधारित बड़ी परियोजनाओं की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। प्रदेश में पहले से ही ग्रिड कंबाइंड सोलर पावर जनरेशन और रूफ टॉप पावर जनरेशन की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। अब इस क्षेत्र में होने वाले लाखों करोड़ के निवेश से ना सिर्फ यूपी रिन्यूएबल एनर्जी का हब बनेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना भी बढ़ेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहित/बृजनंदन

   

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