मप्र के चार जिलों में आज से लगेगा जापनीज इन्सेफेलाइटिस का टीका

- उप मुख्यमंत्री शुक्ल करेंगे अभियान का शुभारंभ

भोपाल, 27 फरवरी (हि.स.)। बच्चों को घातक इनसेफेलाइटिस बीमारी से बचाने के लिए आज (मंगलवार) से जापानीज इन्सेफेलाइटिस (जेई) टीकाकरण अभियान प्रारंभ हो रहा है। यह टीका एक से 15 साल तक की उम्र के बच्चों को नि:शुल्क लगाया जाएगा। यह अभियान चार जिलों- भोपाल, इन्दौर सागर एवं नर्मदापुरम में शुरू किया जा रहा है। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी अरुण शर्मा ने दी।

उन्होंने बताया कि अभियान का शुभारंभ आज उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल द्वारा जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत नि:शुल्क उपचारित बच्चों को जेई टीका लगाकर किया जाएगा। भोपाल में अनुमानित नौ लाख बच्चों को टीके लगेंगे। अभियान के प्रथम चरण में जेई टीके नियमित टीकाकरण सत्रों में लगाए जाएंगे। दूसरे चरण में यह टीके स्कूलों में भी लगाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि अभियान के पश्चात यह वैक्सीन नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। टीकाकरण अभियान में समन्वय एवं सहयोग के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, नगर निगम , पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं गैर सरकारी संगठनों को शामिल किया गया है। अभियान में मप्र जन अभियान परिषद एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है।

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है ये बीमारी

भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस वेक्टर बोर्न डिजीज है। यह बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर रुके हुए पानी में रहते हैं और रात के समय काटते हैं। Ardeidae प्रजाति के विचरण करने वाले पक्षी और सुअर इस बीमारी के फ्लेवी वायरस के मुख्य संवाहक होते हैं।

भारत के कई राज्यों में पहले से ही लग रही है ये वैक्सीन

उन्होंने बताया कि देश के 333 जिलों में यह वैक्सीन अभियान पूर्व में संचालित किया गया है। 21 राज्यों के 234 जिलों में यह वैक्सीन नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल हो चुकी है। सरकार द्वारा इस बीमारी के प्रकोप को कम करने के लिए प्रदेश में भी व्यापक स्तर पर इस वैक्सीन की शुरुआत की जा रही है। रायसेन एवं विदिशा जिले में यह पूर्व से लगाई जा रही है। आज से भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम एवं सागर जिले में इस टीके की शुरुआत की जा रही है।

गंभीर और घातक है जापानी इंसेफेलाइटिस

जापानी इंसेफेलाइटिस एक प्राणघातक बीमारी है। संक्रमण के बाद विषाणु व्यक्ति के मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी सहित केंद्रीय नाड़ी तंत्र में प्रवेश कर जाता है। इस बीमारी के अधिकांश मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। गंभीर मामलों में सिर दर्द व ब्रेन टिशूज की सूजन (इंसेफेलाइटिस) की समस्या हो सकती है। अन्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, कंपकंपी, उल्टी, तेज बुखार, गर्दन में अकड़न हो सकती है। पीड़ित व्यक्ति को झटके भी आ सकते हैं। उपचार नहीं करवाने पर मृत्यु भी हो सकती है।

एक से 15 साल की उम्र के बच्चों को खतरा अधिक

इस बीमारी का खतरा एक से 15 साल की उम्र के बच्चों को अधिक होता है। इस बीमारी से संक्रमित लगभग 80% से अधिक लोग इसी आयुवर्ग के होते हैं। इसीलिए प्राथमिकता के आधार पर 01 से 15 साल के बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं। टीके लगवा कर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।

सुरक्षित और प्रभावी है जेई का टीका

जापनीज इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए टीका लगाया जाना जरूरी है। यह टीका कई राज्यों में पहले से ही लगाया जा रहा है और पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर है। शासन द्वारा यह टीका निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। टीका लगाने के स्थान पर हल्का सा दर्द हो सकता है जो कि प्रायः सभी इंजेक्शन या टीके लगवाने पर होता है। इस वैक्सीन का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है। शासकीय अस्पतालों के अलावा चिन्हित निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में भी जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका निशुल्क लगाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा

   

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