ललकार में बदलेंगे राजस्व गांव की हुंकार, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश ने किया विधानसभा कूच

- उत्तराखंड की पहचान किसी को भी छीनने का नहीं देंगे अधिकार

देहरादून, 28 फरवरी (हि.स.)। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को बिन्दुखत्ता संघर्ष समिति, नैनीताल, पथरी व अन्य ग्रामवासियों के विभिन्न मांगों के समर्थन में उनके साथ विधानसभा कूच किया। हालांकि विधानसभा के पहले पुलिस बैरिकेडिंग स्थल पर ही सभी धरने पर बैठ गए और कहा कि राजस्व गांव की हुंकार को ललकार में बदलेंगे। इसके बाद संयुक्त रूप से उप जिलाधिकारी योगेश मेहता को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश बिन्दुखत्ता संघर्ष समिति सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि व अतिक्रमण के नाम पर बेघर करने के विरोध में धरना दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्ष से राज्य के खत्तों, गोटों, पड़ावों, खालों में रहने वाले लोगों का जीवन कठिन होता जा रहा है। राज्य सरकार ने बिंदुखत्ता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि व अतिक्रमण घोषित किया है और एक सरकारी सूची, जिसमें इन सभी को अतिक्रमणकारी बताया है। उन्होंने सरकार से उसे वापस लेने की मांग की है।

अतिक्रमणकारी बताकर छीन ली गई रोजी-रोटी-

दूसरी तरफ बिन्दुखत्ता लोग राजस्व गांव के दर्जे की मांग कर रहे हैं। इनके साथ पथरी बाग 1, 2, 3, 4 में रहने वाले भी भूमिधरी अधिकार मांग रहे हैं। गैंडीखत्ता में बसाए गए वन गुर्जर भी भूमिधरी अधिकार मांग रहे हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको पिछले कुछ वर्षों के अंदर अतिक्रमणकारी बताकर उनसे उनकी रोजी-रोटी छीनी गई है।

उत्तराखंड की शान और अभिमान है बिन्दुखत्ता-

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने धरने को अपना समर्थन देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिन्दुखत्ता में अनेकों कार्य किए हैं। बिन्दुखत्ता उत्तराखंड की शान और अभिमान, दोनों हैं। यह खत्ते गोट आदि एक परंपरागत उत्तराखंड का दिग्दर्शन कराते हैं। उत्तराखंड की पहचान किसी भी सरकार को छीनने का हक नहीं दिया जा सकता है। इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, कामरेड इंद्रेश मैखुरी आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

सम्बंधित खबर