पतंजलि ऋषिकुल के छात्रों ने महान वैज्ञानिकों के जीवन से सीखा 'समय प्रबंधन' का तरीका

प्रयागराज, 28 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर पतंजलि ऋषिकुल विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय में छात्रों के लिए विज्ञान एवं जीवन के क्षेत्र में समय की महत्ता पर ‘समय प्रबंधन’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता फाउंडर एंड सीईओ, एम्पावर्ड सिंगापुर जयदीप साहा जयदीप साहा ने विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन में अनुशासन लाने और विकास के शिखर तक पहुंचने के लिए समय प्रबंधन युक्तियों के साथ मार्गदर्शन किया।

उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण युक्तियां साझा की जो छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में और उत्तम भविष्य के निर्माण में लंबे समय तक मदद कर सकती हैं, जिनमें अच्छी नींद लेना, दिनचर्या तालिका बनाना और काम को महत्ता के आधार पर पहले प्राथमिकता देना शामिल रहा। उन्होंने कहा कि दिनचर्या का निर्माण और उसे लागू करने से छात्रों को प्रौद्योगिकी आधारित संगठनात्मक कौशल से परिचित कराया जा सकता है। इसके साथ ही, समय के उपयोग के लिए समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हुए, क्षणिक आराम और तनाव को दूर रखने पर जोर दे सकते हैं। छात्रों द्वारा समूह बनाकर कार्य पूरा करने से समय प्रबंधन का अभ्यास करने के लिए वास्तविक दुनिया का परिदृश्य प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, चिंतनशील अभ्यास और दिनचर्या तालिका को शामिल करने से छात्रों को अपनी समय प्रबंधन रणनीतियों का मूल्यांकन और परिष्कृत करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि इन सरल युक्तियों का पालन कर छात्र खुद को आवश्यक समय प्रबंधन कौशल से मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वयं के लिए कुछ मूल्यवान समय प्राप्त करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी महत्वपूर्ण काम को देते हैं। इस दौरान करकुलम, डिवीजन ऑफिसर एम्पावर्ड सिंगापुर डॉ. नील गुप्ता भी थे।

कार्यशाला में विद्यालय के अध्यक्ष रवीन्द्र गुप्ता, निदेशिका रेखा बैद, हेड मिस्ट्रेस विभा श्रीवास्तव और विद्यालय के प्रधानाचार्य नित्यानंद सिंह ने छात्रों का मनोबल बढ़ाया। प्रधानाचार्य ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि बेहतरीन समय प्रबंधन का आत्म प्रबंधन से गहरा सम्बन्ध होता है। साथ ही छात्रों को महान वैज्ञानिकों के जीवन से अनुशासन और समय प्रबंधन सीखने को कहा, जिससे वे सभी अपने उत्तम भविष्य का निर्माण कर सकें।

विद्यालय के अध्यक्ष रवीन्द्र गुप्ता एवं विद्यालय की उपाध्यक्ष डॉ. कृष्णा गुप्ता ने छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों, भविष्य के प्रयासों और उनके समग्र विकास पर इसके दूरगामी प्रभाव को पहचानते हुए उन्हें कक्षा से परे आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार किया। विद्यालय के सचिव यशोवर्धन एवं विद्यालय की निदेशक ने अपने वक्तव्य में छात्रों को उनकी दिनचर्या के महत्व पर प्रकाश डाला कि कैसे आपकी उचित दिनचर्या आपके उन्नत भविष्य का आधार बनती है।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम

   

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