बस्तर में 80 हजार से अधिक जवान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाएगे लोकसभा चुनाव - सुंदरराज पी.

जगदलपुर, 20 मार्च(हि.स.)। लोकसभा चुनाव के घोषणा के बाद बस्तर संभाग में चुनाव की संपन्नता किसी युद्ध से कम नहीं होती है। एक ओर नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों का चुनाव बहिष्कार का फरमान तो दूसरी ओर चुनाव के जरिये गांव में विकास आने की उम्मीद को सफल बनाना प्रशासन एवं सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। वहीं दूसरी ओर बस्तर में नक्सली अपनी दहशत को बनाये रखने के लिए चुनाव से पहले या चुनाव के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने या बड़े चेहरे को अपना निशाना बनाने के लिए मौके की ताक में लगे रहते हैं, यह नक्सलियों की फितरत रही है। चुनाव के दौरान नक्सली वारदातों का अंदेशा हमेंशा बना रहता है, जिसका सीधा असर चुनाव पर पड़ता है।

नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में लोकसभा चुनाव निर्विघ्र संपन्नता के लिए किये जा रहे तैयारी के संबंध में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने चर्चा में बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद पांच वर्ष के दौरान बस्तर में 75 नए सुरक्षा बलों के कैंपों की स्थापना की जा चुकी है। लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे बस्तर में 80 हजार से अधिक जवान तैनात होंगे जो चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराएंगे। नए कैंपों के खुलने से फायदा यह हुआ है कि अंदरूनी नक्सल प्रभावित इलाकों तक सडक़ों का निर्माण करीब-करीब पूरा हो गया है, गांवों तक बिजली, पानी पहुंच गया है। इसके अलावा कैंपों के स्थापित होने से एक बड़ा इलाका फोर्स के कब्जे में है। कैंप वाले इलाके में नक्सली चाहकर भी कोई बड़ी वारदात नहीं कर पा रहे हैं।

कैंपों के खुलने का एक फायदा यह भी है कि अब मतदान के दौरान ग्रामीण अपने ही गांव के पोलिंग बूथ में मतदान कर पाएंगे। उनके बूथ को सुरक्षागत कारणों से दूसरे स्थान पर शिफ्ट नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि नक्सली कमांडर हिड़मा के पूवर्ती गांव और बटालियन नंबर एक का गढ़ रहे टेकलगुड़म में भी कैंप खुल गया है। यहां के ग्रामीण पहली बार इन कैंपों के कारण अपने गांव में ही मतदान कर पाएंगे।

अभी सुकमा जिले के मिनपा, बीजापुर जिले के तर्रेम, नारायणपुर जिले के कोहकामेटा जैसे इलाकों में नए कैंप खोले गए हैं। चुनाव के दौरान नक्सल ऑपरेशन में बड़ी संख्या में जवानों को लगाया जाएगा, बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त बल की तैनाती होगी। चुनाव में छत्तीसगढ पुलिस के साथ, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी जैसे सुरक्षा बलों के जवान सुरक्षा में लगेंगे। इसके अलावा चुनाव के लिए केंद्र से भेजे जा रहे अतिरिक्त बल बस्तर के अलग-अलग स्थानों पर पहुंचना शुरू हो जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

   

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