अंगिका भाषियों का भरोसा तोड़ने वाले नेताओं के लिए नोटा बटन का होगा प्रयोग: त्रिलोकी

त्रिलोकीनाथ दिवाकर

भागलपुर, 22 मार्च (हि.स.)। अंग-अंगिका के बगैर बिहार बहियार की तरह है। अंग के इतिहास के आगे बिहार का इतिहास शून्य है। इसकी उपेक्षा खुद की उपेक्षा है। जन जागृति से ही ''अंग-अंगिका का विकास संभव है। दलीय सोच को त्यागकर अंग-अंगिका की उपेक्षा करनेवाले नेताओं को उपेक्षित करने के इस सुनहरे मौके को हाथ से न जाने दें।उक्त बातें अखिल भारतीय अंगिका साहित्य विकास समिति के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोकीनाथ दिवाकर ने अंग प्रदेश के हृदय स्थल भागलपुर समेत अन्य लोकसभा क्षेत्र के अंगिकाभाषी मतदाताओं को लोकतांत्रिक समझ विकसित करने की अपील करते हुए शुक्रवार को कही।

उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव में ऐसे नेताओं का बहिष्कार कर राईट टू रिजेक्ट नोटा बटन का खुलकर इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि सेवा की कसौटी पर खरा उतरकर साकारात्मक परिवर्तन का हरबार भरोसा देते हुए नेताओं ने अंगिका भाषियों के भरोसे को तोड़ने का काम किया है। ऐसे नेताओं के लिए नोट बटन दबाकर अंगिका भाषी मंह तोड़कर जबाव देंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा

   

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