अमेठी में 9000 किमी. पाइप लाइन बिछाकर पेयजल समस्या से मिल रही निजात : अधिशासी अभियंता

जल निगम के अधिशासी अभियंता और ग्रामीण महिलाओं को पानी की जांच के लिए किट प्रदान करने की फोटो।जल निगम के अधिशासी अभियंता और ग्रामीण महिलाओं को पानी की जांच के लिए किट प्रदान करने की फोटो।जल निगम के अधिशासी अभियंता और ग्रामीण महिलाओं को पानी की जांच के लिए किट प्रदान करने की फोटो।जल निगम के अधिशासी अभियंता और ग्रामीण महिलाओं को पानी की जांच के लिए किट प्रदान करने की फोटो।

अमेठी, 26 मार्च (हि.स.)। भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी के साथ-साथ बहुत ही अच्छी योजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर को नल से जल पहुंचाने की योजना अब मूर्त रूप ले रही है। जिससे आम जनमानस को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी की परेशानी से अब निजात मिलना शुरू हो गया है। जिले में कई स्थानों पर खारे पानी की बड़ी समस्या थी। लोगों को सुदूर बसे दूसरे गांव से पेयजल सुबह-शाम ढोकर लाना पड़ता था। लेकिन अब जनता को उनकी शुद्ध पेयजल की तकलीफ दूर हो रही है। गांव के लोगों को अपने ही घर पर सुबह-शाम शुद्ध पेयजल मिलने से उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ऐसा लगता है जैसे उनके पंख लग गए हो।

जल निगम के अधिशासी अभियंता बीपी सिंह बताते हैं कि जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत हर घर को नल से जल पहुंचाने के लिए जिले में लगभग 16000 करोड़ से अधिक की लागत से कुल 487 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इन सभी योजनाओं पर काम चल रहा है। इसमें से 150 योजना ऐसी हैं जहां पर पानी की सप्लाई शुरू भी कर दी गई है। लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की दृष्टि से जमीन के अंदर डेढ़ सौ मीटर से लेकर 400 मीटर अंदर तक बोरिंग की गई है। अमेठी जिले में अधिकांशतः मिलने वाले पानी में आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे जहरीले तत्व नहीं है। लेकिन आयरन की मात्रा थोड़ी सी अधिक पाई जाती है। जिसके कारण पानी का टेस्ट बदल जाता है।

अधिशासी अभियंता ने बताया कि पूरे जनपद के 944 राजस्व गांवों में 9000 किलोमीटर पाइप लाइन डाला जाना प्रस्तावित था। जबकि अब तक 8000 किलोमीटर पाइप लाइन डाली चुकी है। घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 610 ट्यूबवेल का बोर किया जा चुका है। 492 स्थान पर ओवरहेड टैंक बनकर तैयार हो गए हैं, जबकि अभी भी 490 स्थान पर कार्य चल रहा है। इसका पूरा काम मुंबई की कंपनी वेलस्पन इंटरप्राइजेज द्वारा करवाया जा रहा है। प्रत्येक गांव में समय-समय पर पानी की जांच करने के लिए पांच महिलाओं को चुनकर एक टीम बनाई गई है। जिसमें समाज की विभिन्न क्षेत्र की महिलाएं जैसे आशा बहू, अध्यापक, स्वयं सहायता समूह, आंगनवाड़ी और यदि मौजूद है तो महिला ग्राम प्रधान को शामिल किया गया है। पानी के गुणवत्ता की जांच करने के लिए प्रत्येक टीम को जांच किट प्रदान की गई है। इस टीम के द्वारा पानी की जांच करने के बाद उनकी रिपोर्ट के आधार पर समस्या का समाधान किया जाएगा। आगामी 10 वर्षों तक रख-रखाव की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी की होगी।

अधिशासी अभियंता ने बताया कि कहीं-कहीं पर अभी ओवरहेड टैंक का निर्माण नहीं हो सका है, वहां पर ट्यूबवेल की बोरिंग हो गई है और पाइप लाइन डाली जा चुकी हैं। ऐसे में सुबह शाम डायरेक्ट सप्लाई के माध्यम से हर घर तक जल पहुंचा जा रहा है। फिलहाल इस पूरे कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य जून 2024 तक रखा गया है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत लोगों को दिए जाने वाले पानी के कनेक्शन के विषय में अधिशासी अभियंता ने बताया कि यह अभी पूरी तरह से निःशुल्क है। आगे यदि इसका शुल्क का निर्धारण होता है तो वह शासन के आदेश या निर्देश प्राप्त होने के बाद ही पता चल पाएगा। हालांकि विभाग में जो हमारे पुराने उपभोक्ता थे उनसे 50 रुपए प्रति माह की दर से चार्ज लिया जाता था। इस योजना में आगे क्या होगा इसकी जानकारी अभी नहीं है लेकिन अभी इसको पूरी तरह से निःशुल्क रखा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ लोकेश त्रिपाठी/मोहित

   

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