15 करोड़ चंदा मामला : पूर्व राज्यपाल कोश्यारी बोले- मनगढ़ंत आरोप लगा सम्मान को पहुंचाई चोट, कार्रवाई की दी चेतावनी

देहरादून, 29 मार्च (हि.स.)। महाराष्ट्र व गोवा के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने एक पत्र जारी कर कहा है कि उन पर और उनके भतीजे दीपेंद्र पर मुम्बई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनगढ़ंत आरोप लगा उनके सम्मान को गहरी चोट पहुंचाई है। पूर्व राज्यपाल ने शीघ्र ही अनिल गलगली व उनके सम्मान को आघात पहुंचाने वाले समाचार पत्रों के विरुद्ध कानूनी व न्यायिक कार्रवाई की चेतावनी दी है।

आरोप है कि मुम्बई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की ओर से पूर्व राज्यपाल कोश्यारी व उनके परिजनों के बारे में पिछले दिनों अनर्गल समाचार का मीडिया व सोशल मीडिया के जरिए प्रसार किया जा रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि मुम्बई के लिए गए आर्थिक सहयोग से कोश्यारी के भतीजे दीपेंद्र ने जमीन खरीदा है और रिजार्ट बनवाया है। वहीं पूर्व राज्यपाल ने जारी पत्र में लिखा है कि प्रचार किया जा रहा है कि मैंने अपनी शिक्षण संस्था के लिए अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये चंदा लिया है जबकि वस्तुतः मेरी कोई भी शिक्षण संस्था है ही नहीं। मुम्बई राजभवन में मुझसे संभ्रांत जनों से लेकर सामान्य नागरिक तक मिलते रहते थे। राजभवन मुम्बई में अनंत अंबानी से भी कुछ देर के लिए भेंट हुई है। मैंने अंबानी से अखिल भारतीय शिक्षण संस्था विद्याभारती की ओर से संचालित नैनीताल स्थित पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूल व उसकी शिक्षण शाखाओं के लिए सीएसआर फंड से सहयोग की अपील की थी। अंबानी ने तत्काल उक्त शिक्षण संस्थान के लिए 15 करोड़ रुपये दान सीएसआर के अंतर्गत दिया। उक्त शिक्षण संस्थान में मेरे अथवा मेरे परिवार का कोई भी सदस्य नहीं है। यह विद्यालय लगभग 40 वर्ष से चल रहा है और इसकी शाखाएं भी पर्याप्त समय से चल रही हैं। एक सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता के नाते किसी भी एमएलए, एमपी या मंत्री आदि समय-समय पर शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जनोपयोगी सामाजिक कार्यों के लिए सीएसआर अथवा आयकर के 80जी के अंतर्गत सहयोग लेते रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/वीरेन्द्र

   

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