मुरैना और दतिया में बेमौसम बारिश के साथ गिरे ओले, फसलों को नुकसान

मुरैना और दतिया में बेमौसम बारिश के साथ गिरे ओले, फसलों को नुकसान

मुरैना/दतिया, 29 मार्च (हि.स.)। मौसम विभाग के अलर्ट के अनुसार शुक्रवार की शाम अचानक भिंड और मुरैना जिले भर में धूल भरी आंधी सहित अनेक ग्रामीण इलाकों में बारिश के साथ 20 मिनट तक ओले गिरने से लोग आश्चर्यचकित रह गए, हालांकि इस बारिश और ओले गिरने से फसलों को कोई खास नुकसान नहीं है लेकिन खलिहान में रखी कटी हुई फसल में काफी नुकसान का अनुमान है।

शुक्रवार की शाम जिले के दिमनी, माता बसैया, सिहोनिया एवं स्टेशन रोड थाना क्षेत्र के अनेक गांवों में लगभग 2 मिनट तक छोटे-छोटे ओले गिरे और बारिश हुई, जबकि जिला मुख्यालय पर धूल भरी आंधी ने लोगों को परेशान कर दिया। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने पहले ही चंबल संभाग में आंधी, ओला व पानी की संभावना बताई थी।

करुआ गांव में पड़े ओले, दतहरा में खेत में पसरी फसल

जिले के अनेक क्षेत्रों शुक्रवार की शाम आंधी के साथ बारिश एवं ओले ने तबाही मचा दी। जिला मुख्यालय से सटे आसपास के ग्रामीण इलाकों में जमकर ओले गिरे हैं, जिससे खेतों में खड़ी फसल पसर गई है और किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मुरैना मुख्यालय के पास करुआ गांव में भी ओले गिरे हैं तथा दतहरा गांव में आंधी पानी एवं ओले के कारण फसल पसर गई है, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

तेज आंधी व बूंदा बांदी के साथ गिरे ओले, फसलों को नुकसान

दतिया के भांडेर में शुक्रवार की शाम 5 बजे जिले में तेज आंधी और हल्की बौछार के साथ बूंदाबादी हुई जिससे कई गांवों की फसलो पर प्रभाव पड़ा ग्राम पंचायत कामद के पास स्थित सिमरिया में एक बार फिर किसानों के लिए आसमान से आफत की बारिश हुई है। तेज हवा और पानी के साथ ओलों की बरसात भी शुरू हो गई। इस दौरान बड़े आकार के ओले गिरने से सिमरिया गांव की फसलें प्रभावित हुई हैं।

शांम 5 बजे आसपास के करीब दो दर्जन कई गांवों में बूंदाबांदी हुई वहीं कामद गाँव के पास स्थित ग्राम सिमरिया में बूंदाबांदी के साथ ओले भी गिरने लगे। ग्रामीणों ने बताया शुक्रवार को मौसम शांम को अचानक बदल गया था। ओले गिरने से फसलों में नुकसान होने की खबर मिली हैं। वहीं ओले गिरने से कई घरों के कवेलू भी टूट गए।

बेमौसम हुई इस ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कटने के लिए तैयार खड़ी फसल को बूंदा बांदी एवं ओलावृष्टि से भारी नुकसान पहुंचा। कई जगह फसलें आड़ी हो गई। जिन किसानों ने फसल काटकर खलिहान में रख छोड़ी थी, ओले की मार तथा पानी लगने से उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेंद्र/संतोष/राजू/मुकेश

   

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