न्यायिक सक्रियता से देश में आ सकता अहम बदलाव: पूजा शुक्ला

- दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में कानपुर विवि की रिसर्च स्कॉलर ने न्यायिक सक्रियता विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए

- प्री-पीएचडी सब्मिशन को लेकर प्रेजेंटेशन के दौरान न्यायिक सक्रियता संबंधी उदाहरणों व जुड़े तथ्यों की जानकारी दी

कानपुर, 02 अप्रैल (हि.स.)। देश में जो आमजन से जुड़े अहम मुद्दे हैं उनमें रोजगार, भुखमरी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि अन्य शामिल हैं। इन सभी मुद्दों में न्यायिक सक्रियता की भूमिका अहम है। अगर न्यायिक सक्रियता का पालन सकारात्मक तरीके से होगा, तो निश्चित तौर पर देश की तस्वीर बदल सकती है। जो लोग भूखे रह जाते हैं, उन्हें भोजन मिल सकता है, जो शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, उन्हें स्कूलों में दाखिला मिल सकता है।

यह बातें छत्रपति शाहू जी महाराज विश्विद्यालय कानपुर की रिसर्च स्कॉलर पूजा शुक्ला ने मंगलवार को कहीं। वह सिविल लाइंस स्थित दयानंद गर्ल्स पी0जी0 कॉलेज में आयोजित प्री-पीएचडी सब्मिशन को लेकर प्रेजेंटेशन दे रही थीं। इसके साथ ही उन्होंने ज्यूडिशियल एक्टिविज्म (न्यायिक सक्रियता एवं नागरिक स्वतंत्रताएं: न्यायिक दृष्टिकोंण का एक अध्ययन) पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

विश्विद्यालय के राजनीति शास्त्र विषय के समन्वयक डीबीएस कॉलेज के प्रोफेसर आर0के0 त्रिपाठी ने रिसर्च स्कॉलर के प्रेजेंटेशन को देखा और सराहना की। विशिष्ठ अतिथि डीएवी कॉलेज की प्रोफेसर दीपशिखा चतुर्वेदी मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संचालन दयानन्द गर्ल्स कॉलेज की राजनीति शास्त्र की इंचार्ज प्रोफेसर पप्पी मिश्रा ने किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डीजी कॉलेज की प्राचार्य प्रो.अर्चना वर्मा, प्रो.मुकुलिका हितकारी, प्रो.सुनीता आर्या, डा.अल्का सिंह, प्रो.वंदना निगम, प्रो.सुचेता शुक्ला, डॉ0 कृष्णनेंद्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अवनीश/मोहित

   

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