सेना का दुश्मन सामने से आता है,पुलिस में दुश्मन कहां से आएगा नहीं पता : ओम कुमार

अपनी बहन,व पत्नी के साथ ओम कुमार

सेना के बाद अब प्रदेश की करेंगे सेवा,बहन-भाई ने एक साथ पूरी की पासिंग आउट परेड

झांसी,07 अप्रैल(हि. स.)। सेना में हमें यह पता होता है कि दुश्मन सामने से आएगा। युद्ध आमने सामने का होगा। लेकिन, पुलिस में दुश्मन कहां से आयेगा इसका पता नहीं होता है। आर्मी की ट्रेनिंग को इस्तेमाल करेंगे,जो बदलाव आएगा, उसका सामना करेंगे। देश की 16 वर्ष सेवा करने के बाद अब प्रदेश और जनता की सेवा करेंगे। यह कहना है आरक्षी ओम कुमार का। उन्होंने बीते रोज पीएसी ग्राउंड में पासिंग आउट परेड के बाद प्रदेश की सेवा करने का मौका पाने पर खुशी व्यक्त की। बताया कि सेना का जो अनुभव उनके पास है उसका प्रयोग वह प्रदेश की सेवा करने और देश को खोखला कर रहे देश के दुश्मनों को सबक सिखाकर करेंगे।

उत्तर प्रदेश पुलिस की पीएसी को बीते रोज 173 नए जवान मिल गए हैं। झांसी में पीएसी की 33 वीं बटालियन के पासिंग आउट परेड (दीक्षांत परेड)का आयोजन किया गया। इसमें एडीजी सुजीत पांडेय ने सभी जवानों को उज्ज्वल भविष्य की कामनाएं दी। यहां युवाओं के बीच एक व्यक्ति ऐसे भी थे जो उम्र में बड़े दिखाई दे रहे थे। लेकिन, जज्बे,जोश और अनुशासन में उन्होंने युवाओं को भी पीछे छोड़ रखा था। ऐसे आरक्षी ओम कुमार ने भी परेड में हिस्सा लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवाएं देने और जनता को सुरक्षित रखने की शपथ ली।

आरक्षी ओम कुमार ने बताया कि पीएसी में शामिल होने से पहले वह भारतीय सेना में थे। वह सेना में राजपूत रेजिमेंट का हिस्सा रहे हैं। 16 साल भारतीय सेना को अपनी सेवाएं देने के बाद वह रिटायर हो गए। लेकिन, सेवा करने का जज्बा और जोश आज भी कायम है। ओम कुमार ने कहा कि अभी तक देश की सेवा की थी। अब प्रदेश की सेवा करने का जिम्मा उठाया है।

भाई-बहन की एक जोड़ी ने दी मंच को सलामी

पीएसी परेड ग्राउंड में हुए दीक्षांत परेड (पासिंग आउट परेड) में मौजूद लोग उस समय हैरत में रह गए जब भाई-बहन की एक जोड़ी भी मंच को सलामी देने के लिए आई। प्रीति और उनके भाई ओम कुमार दोनों इस दीक्षांत

समारोह में शामिल हुए। दोनों ही पीएसी में शामिल हुए हैं। भाई-बहन ने एक साथ ट्रेनिंग ली। 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद दोनों उत्तर प्रदेश पुलिस की पीएसी के 33 वीं बटालियन में शामिल हुए। इस दौरान ओम कुमार की पत्नी और प्रीति की भाभी भी मौजूद थीं। नम आंखों से उन्होंने कहा कि आज उनके लिए खुशी और भावुकता दोनों का पल है। यह कहते हुए उनका गला रूंध गया।

बहन को मिली पति की नौकरी

ओम की बहन आरक्षी प्रीति ने बताया कि 2 वर्ष पहले उसके पति का देहांत एक बीमारी के कारण हो गया था। इसके बाद उन्हें अनुकंपा पर यह नौकरी मिली है। उन्होंने 6 महीने की ट्रेनिंग की। इस दौरान उनके बच्चे का ख्याल उनकी भाभी ने ही रखा।

तिरंगे की शान बनाए रखना कर्तव्य

प्रीति ने बताया कि उनके भाई ओम कुमार भी सेना से रिटायर होकर पीएसी में शामिल हो गए हैं। ओम कुमार ने कहा कि यह बेहद गर्व का पल है जब मैंने और मेरी बहन ने एक साथ मंच को सलामी दी। हम दोनों का यही प्रयास है कि हमेशा तिरंगे की शान बनाएं रखें। प्रदेश की जनता की सेवा करना ही हमारा कर्तव्य है।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन

   

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