लोकसभा चुनाव: उप्र में 2009 के बाद 32 प्रतिशत वोट बढ़ा चुकी है भाजपा,कांग्रेस 11 फीसदी वोट हुए कम

लखनऊ, 10 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में 2009 के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 32 प्रतिशत वोट बढ़ चुके हैं, जबकि कांग्रेस के वोट में 11.9 फीसदी की गिरावट आयी है। वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वोट प्रतिशत में भी आठ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। समाजवादी पार्टी (सपा) के भी 5.2 प्रतिशत वोट कम हुए हैं। इस वोट ट्रेंड को देखें तो भाजपा का वोट बैंक इस बार 60 प्रतिशत तक जा सकता है और 2014 के अपने ही रिकार्ड को भाजपा तोड़ सकती है।

हालांकि मतदाता कब किधर झुक जाएगा, इसका सही पता चार जून के बाद ही लगेगा, लेकिन लगातार बढ़ते भाजपा के जनाधार से अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा के वोट बैंक में फिर उछाल आ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पांच से सात प्रतिशत तक भाजपा के वोट बैंक में इजाफा हो सकता है। यह 60 प्रतिशत तक पहुंच जाय तो कोई ताज्जूब नहीं होगा।

नरेन्द्र मोदी के आने के बाद भी बसपा का वोट बैंक 19 प्रतिशत से नीचे नहीं आया। उसे 2009 में 27.4 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब 2014 का चुनाव हुआ तो बसपा का वोट बैंक खिसक कर 19.8 प्रतिशत रह गया। 2014 में बसपा के एक भी उम्मीदवार उप्र में नहीं जीते थे। 2019 में सपा से गठबंधन के बावजूद बसपा का वोट प्रतिशत 19.4 प्रतिशत बना रहा। वहीं उसे 10 सीटों पर विजय मिली।

कांग्रेस की बात करें तो उसे 2009 में 18.3 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि भाजपा को 17.5 प्रतिशत वोट ही प्राप्त हुए थे। इसके बाद भाजपा ने 2014 में ही 25.1 प्रतिशत वोट का इजाफा कर प्रदेश की 71 सीटों पर स्वयं कब्जा कर लिया, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल एस ने दो सीटें जीतीं। कांग्रेस का वोट बैंक में 10.8 प्रतिशत की गिरावट आयी। सबसे ज्यादा कांग्रेस का ही वोट बैंक कम हुआ और वह 7.5 प्रतिशत पर आ गयी। इसके बाद 2019 में भी फिर 1.1 प्रतिशत गिरावट आयी और वह 6.4 प्रतिशत वोट ही पा सकी। पूरे प्रदेश में कांग्रेस की एक मात्र सीट रायबरेली पर जीत दर्ज हुई। कांग्रेस के राहुल गांधी भी अमेठी से हार गये।

वहीं सपा के वोट पर नजर दौड़ाए तो 2009 में उसे 23.3 प्रतिशत वोट मिले थे। 2014 में उसके वोट बैंक में एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी, जबकि प्रदेश में उसको सिर्फ पांच सीटों पर ही विजय मिली थी। वहीं बसपा के गठबंधन के बावजूद सपा को 2019 में भी पांच सीटों पर ही विजय मिली। उसके वोट प्रतिशत में 4.2 प्रतिशत की कमी देखी गयी।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/मोहित

   

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